Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राजस्थान में सरगर्मी उफान पर है. राजस्थान की हाइ प्रोफाइल सीटों में शुमार टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा सीट पर किसका जादू चलेगा, यह तो 4 जून को रिजल्ट आने के बाद ही पता चलेगा, लेकिन जनता किसे अपना नेता चुनेगा, इसकी बानगी एनडीटीवी राजस्थान को दिए जवाबों से मिल चुकी है.
सुखबीर सिंह जौनापुरिया और हरीश मीणा के बीच है मुख्य मुकाबला
सवाल है कि टोंक सवाई माधोपुर पर फिर मोदी मैजिक चलेगा या सचिन पायलाट का जादू अभी बररकार रहेगा. टोंक-सवाई माधोपुर से भाजपा ने सुखबीर सिंह जौनापुरिया को मैदान में उतारा है. इस सीट पर सुखबीर सिंह जौनापुरिया और हरीश मीणा के बीच मुख्य मुकाबला होगा.
टोंक-सवाई माधोपुर के स्थानीय मुद्दे क्या हैं और जनता किसे चुनेगी?
टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा सीट पर वहां की आबादी और पार्टियों से जुड़े लोग क्या सोचते हैं. टोंक-सवाई माधोपुर के स्थानीय मुद्दे क्या हैं और जनता किसे अपना नेता चुनेगी, इन्ही सवालों का जवाब ढूंढने टोंक सवाई माधोपुर पहुंची NDTV की टीम ने वहां की जनता से उनके मन की बात टटोलने की कोशिश की.
टोंक सवाई माधोपुर सीट पर स्थानीय महिला और पुरुषों ने पिछले 10 सालों के प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल का उम्दा बताया, तो कुछ लोगों ने मोदी सरकार को जुमलों का कार्यकाल करार दिया. मुद्दों की राजनीति पर प्रतिक्रिया करते हुए कुछ लोगों ने बेरोजगारी और बड़े उधोग धंधों के नही के पलायन पर चिंता जताई, तो किसी ने टोंक को रेल से जोड़ने की बात की.
सचिन पायलट की प्रतिष्ठा की सीट भी बन गई है टोंक-सवाई माधोपुर सीट
टोंक से पिछली दो बार से विधायक रहे सचिन पायलट चुनाव से भले दूर हैं, लेकिन टोंक सवाई माधोपुर सीट पर उनकी साख जुड़ी हुई है. यहां भले ही चुनावी मुख्य मुकाबला सुखबीर सिंह जौनापुरिया और हरीश मीणा के बीच है. यह अलग बात है कि हरीश मीणा की गिनती पायलट समर्थकों में होती हैं.
कांग्रेस प्रत्याशी के लिए फायदे का सौदा हो सकता है पायलट का कैंपेन
चूंकि कांग्रेस प्रत्याशी हरीश मीणा सचिन पायलट समर्थक है, तो उनके लिए पायलट का चुनावी कैंपन फायदे का सौदा साबित होगा और दो बार सांसद चुने गए बीजेपी प्रत्याशी सुखबीर सिंह जौनापुरिया हैट्रिक के सपनों को तोड़ने में कामयाब हो सकते हैं. वहीं, जौनापुरिया मोदी चेहरे पर जीत की हैट्रिक लगाकर पायलट का जादू को नेस्तनाबूद करना जरुर चाहेंगे.
टोंक ओर सवाई माधोपुर दो जिलो की चार-चार विधानसभाओ को जोड़कर कुल आठ विधानसभाओं वाली यह लोकसभा सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई और सामान्य सीट घोषित हुई. उससे पहले टोंक अलग लोकसभा सीट थी और सवाई माधोपुर भी अलग लोकसभा सीट थी.
परिसीमन के बाद 2008 में अस्तित्व में आई टोंक-सवाई माधोपुर सीट
2008 में हुए परिसीमन के बाद 2009 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में टोंक-सवाई माधोपुर सीट गुर्जर आंदोलन के दौरान चर्चा में आई . गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को बीजेपी ने टिकट दिया था. हालांकि वो नमो नारायण मीणा से 347 वोटों से चुनाव हार गए.
2014 और 2019 चुनावों में सुखबीर सिंह चौनापुरिया ने दर्ज की जीत
लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में टोंक-सवाई माधोपर सीट पर बीजेपी के सुखबीर सिंह जौनापुरिया ने लगातार दो बार जीत दर्ज की. 2024 लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने एक बार फिर सुखबीर सिंह जौनापुरिया टिकट थमाया है, जिनका मुख्य मुकाबला कांग्रेस के हरीश चंद्र मीणा से होगा.
पिछले तीन लोकसभा चुनाव में भाजपा गुर्जर को बनाया अपना प्रत्याशी
टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा सामान्य सीट पर पिछले तीन चुनावों में बीजेपी ने तीनों बार गुर्जर समुदाय से अपना प्रत्याशी बनाया है, जबकि कांग्रेस तीन बार मीणा और एक बार अल्पसंख्यक समुदाय को टिकट दिया है. कांग्रेस ने 2014 लोकसभा चुनाव में पूर्व भारतीय क्रिकेटर अजहरुद्दीन को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन कांग्रेस का प्रयोग असफल रहा था.
टोंक सवाई माधोपुर लोकसभा सीट पर हैं 21 लाख 33 हजार 692 मतदाता
टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा सीट में शामिल दो जिलों क्रमशः टोंक वह सवाई माधोपुर में कुल 8 विधानसभा सीटें शामिल है. पिछले विधानसभा चुनाव में 4 सीट पर भाजपा और 4 सीट पर कांग्रेस के विधायकों की जीत हुई थी. हालांकि परिसीमन के बाद 2009, 2014 ओर 2019 के पिछले तीन चुनावो में 1 बार कांग्रेस के नमोनारायण मीणा और दो बार भाजपा के सुखबीर सिंह जौनापुरिया की जीत हुई.
टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा सीट बहुसंख्यक है एससी मतदाता
टोंक-सवाई माधोपुर संसदीय क्षेत्र में एसटी के 3 लाख 25 हजार लगभग मतदाता है, वही गुर्जर मतदाताओं की संख्या लगभग 2 लाख 80 हजार है, जबकि मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 2 लाख 15 हजार है. वहीं सबसे ज्यादा मतदाता एससी मतदाताओं की है, जिनकी संख्या लगभग 4 लाख 40 हजार है.
जाट मतदाताओं की संख्या 1 लाख 50 हजार है वही ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या भी लगभग 1 लाख 50 हजार है. वही, राजपूत मतदाताओं की संख्या लगभग 65 हजार के करीब है, तो क्षेत्र में माली मतदाताओं की संख्या भी 1 लाख 35 हजार के करीब है वह ओबीसी की छोटी जातियों के वोटों की संख्या भी लगभग 2 लाख 75 हजार के करीब है.
2024 में गुर्जर ओर मीणा प्रत्याशियों के बीच होगा मुख्य मुकाबला?
2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर उम्मीद की जा रही है कि यह चुनाव भी गुर्जर और मीणा प्रत्याशियों के बीच मुख्य मुकाबले वाला होगा और जातिगत आधार पर ही लड़ा जाएगा. स्थानीय मुद्दों की बात की जाए तो बीसलपुर बांध का पानी और ईसरदा बांध का पानी के साथ टोंक को रेल से जोड़ने की मांग मुख्य मुद्दा है.
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