बेटे की मौत से नाराज परिजन चढ़े टंकी पर, ग्रामीण बोले '1 की जान तो चली गई अब 2 को बचाने के लिए मांग रहे न्याय' 

दौसा में मृतक सचिन शर्मा के मामले में न्याय की उम्मीद लेकर सचिन शर्मा के परिजन टंकी पर चढ़ें. ग्रामीणों का स्पष्ट रूप से कहना है कि एक जान तो चली गई. लेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते अब दो जान खतरे में है. इसको बचाने के लिए हम लोग न्याय मांग रहे हैं.

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टंकी पर चढ़े परिजन, पिता मांग रहे न्याय (सचिन शर्मा के परिजनों की तस्वीर)

Rajasthan News: राजस्थान में सरकारी अस्पताल की बड़ी लापवाही सामने आई है. जिसमें घर के इकलौते कमाने वाले जवान बेटे की जांन चली गई. दौसा के सचिन शर्मा को अस्पताल प्रशासन की लापरवाही की भेंट चढ़े 10 दिन हो गए. लेकिन इस मामले में सचिन के परिवारवालों को अभी तक न्याय नहीं मिला. इसलिए मजबूर होकर रविवार को सचिन के परिजनों को पानी की टंकी पर चढ़कर न्याय की गुहार लगानी पड़ी. मौके पर जमा ग्रामीणों ने कहा कि सरकार अगर समय रहते परिवार की बात सुन ली जाती, तो आज उन्हें न्याय के लिए सड़कों पर नहीं आना पड़ता. सचिन की मौत के 10 दिन बाद भी सरकार की तरफ से मदद के नाम पर महज आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला.

अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला सचिन 

सचिन के परिजनों के टंकी पर चढ़ने के बाद मौके पर मौजूद की दोषी नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. जिसके बाद भी आज तक प्रशासन ने SMS अस्पताल प्रशासन के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाया. सचिन अपने परिवार में इकलौता कमाने वाला था. सचिन के पिता महेश शर्मा की करीब एक साल से एक किडनी खराब है. ऐसे में सचिन की मौत के बाद उसके परिवार मे कोई कमाने वाला नहीं है.

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गलत खून चढ़ाने से हुई थी मौत

यह मामला 23 फरवरी का हैं. जयपुर के एसएमएस अस्पताल के मेडिकल आईसीयू में गलत ग्रुप का खून चढ़ाने से रायपुरा, बसवा के रहने वाले सचिन शर्मा की मौत हुई थी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट पर भी कि गलत ग्रुप के खून चढ़ने के कारण सचिन की किडनी, लिवर और फेफड़े खराब हुए और सचिन की मौत हुई.

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सचिन की बहन चढ़ गई पानी टंकी पर

उधर इसी मामले पर आज सचिन के परिवार के लोग और ग्रामीणों ने बसवा बस स्टैंड बांदीकुई में न्याय मांगने के लिए जमा हुए. जहां न्याय यात्रा निकालने के बाद सचिन के परिवार समेत लोग अगवाली बस स्टैंड पर धरने पर बैठ गएं. 2 घंटे तक धरने पर बैठने के बाद जब प्रशासन मौके पर नहीं आया, तो सचिन की छोटी बहन अलका और उसके ताऊ महादेव शर्मा बसवा स्थित एसडीएम कार्यालय में बनी पानी की टंकी पर चढ़ गए. समाज के लोगों ने उन्हें नीचे उतारने के लिए प्रयास किए, लेकिन दोनों मांगें मानने तक नीचे न उतरने की जिद पर रुके रहें.

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परिवार में आर्थिक तंगी होने की वजह से सचिन के परिवार की मदद के लिए भामाशाह, सामाजिक संगठन और समाज के लोग आगे आए हैं लेकिन जिम्मेदार प्रशासन अब तक मुंह फेरे बैठा हैं.

छलका पिता का दर्द

मृतक सचिन शर्मा के पिता महेश चंद्र ने कहा कि 'अभी तक उन्हें कोई सहायता नहीं मिली है. वे भले ही मर जाए, लेकिन यहां से नहीं हटेंगे. उनकी बेटी भी पानी की टंकी पर चढ़ी हुई है, वह भी मर जाए तो कोई दिक्कत नहीं है. फिर सरकार को रुपए भी नहीं देने पड़ेंगे. बेटे को न्याय दिलाकर ही यहां से हटेंगे. मेरे पास वैसे भी कुछ नहीं है, जो भी कर रहे हैं समाज के लोग कर रहे हैं. अब तक उन्होंने ही सारा सहयोग किया है.'

'जस्टिस फॉर सचिन शर्मा' ग्रुप पर मिल रही मदद

सचिन के चचेरे भाई दिनेश शर्मा ने बताया कि भाई को न्याय दिलाने और परिजनों की मदद के लिए वॉट्सऐप ग्रुप 'जस्टिस फॉर सचिन शर्मा' बनाया है. इस ग्रुप में समाज के लोगों के अलावा सर्व समाज और सामाजिक संगठन भी आर्थिक मदद कर रहे हैं.

एसडीएम ने दिया आश्वासन

करीब 5 घंटे तक सचिन के परिवारजन पानी की टंकी पर चढ़े रहें. मौके पर बसवा एसडीएम रेखा मीणा पहुंची और उन्होंने मृतक सचिन के परिजनों को आश्वासन दिलाया है कि वह सरकार से मिलकर अपनी बात और पैकेज की बात करें. जिला प्रशासन स्तर पर जितनी भी मदद की कार्रवाई हो सकती थी उन लोगों ने लिखकर सरकार को भेज दिया है. बाकी बातों के लिए विधायक को साथ लेकर वह मुख्यमंत्री से मिलें. इसी आश्वासन के बाद सचिन के परिवारजन पानी की टंकी से नीचे उतरें.

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