Sanwalia Seth Holi: राजस्थान के मेवाड़ के सुप्रसिद्ध कृष्ण धाम श्री सांवलिया सेठ मंदिर में शुक्रवार (14 मार्च) को हजारों भक्तों ने सांवरा सेठ संग जमकर होली खेली. फागोत्सव में हजारों भक्त श्री सांवलिया सेठ मण्डफिया पहुंचे. सांवरा सेठ का फागोत्सव राजस्थान के बड़े आयोजनों में शामिल हैं. होली के दौरान भगवान श्री सांवलिया सेठ को राजभोग आरती हुई और भोग लगाया गया. यहां सभी भक्त रंग बिरंगे गुलालों में रंगे नजर आए.
खास होती है सांवलिया सेठ की होली
कृष्णधाम श्री सांवलिया जी की होली बेहद खास होती है. मंदिर के पुजारियों ने भगवान श्री सांवलिया सेठ के बाल स्वरूप को चांदी के रथ में विराजमान कर गुलाल-अबीर लगाई. मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं ने भगवान का पुष्प वर्षा और गुलाल उड़ाकर उनकी आगवानी की. वहीं मंदिर के अंदर और बाहर श्रद्धालु भगवान के जयकारे लगाते हुए गुलाल उड़ा रहे थे. सभी के चेहरे रंग बिरंगी गुलाल में रंगे हुए थे. इस फागोत्सव में राजस्थान समेत गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों से भक्त शामिल हुए. मंदिर परिसर पूरा गुलाल से रंग गया.
ब्रज और बरसाना की तर्ज पर खेली गई होली
यहां ब्रज और बरसाना की तर्ज पर भक्तों ने भगवान के साथ होली खेली. मंडफिया गांव के गली-मोहल्ले में ब्रज का माहौल बना हुआ है. जगह-जगह गुलाल उड़ती रही. शोभायात्रा में चांदी के रथ में ठाकुरजी के बाल स्वरूप को विराजित कर नगर भ्रमण करवाया गया. बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता भी तैनात रहे. शोभायात्रा रुट पर कई जगहों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाएं गए. हजारों की संख्या में पहुंचे भक्तों से आज धूलंडी पर्व पर मंदिर परिसर रंग-गुलाल से सराबोर हो गया. मंदिर परिसर भक्तों से खचाखच भर गया. श्रद्धालुओं ने भगवान को धोक लगाकर एक-दूसरे को रंग लगाया. ढोल-नगाड़ों के साथ भजन व होली गीत पर श्रद्धालु जमकर नाचे. चारों ओर रंग-बिरंगे गुलाल से भक्त रंगे नजर आए.
मंदिर मंडल के प्रशासनिक अधिकारी नंदकिशोर टेलर के अनुसार फाग उत्सव का मेवाड़ के साथ राजस्थान में बड़ा महत्व है. भगवान के साथ होली खेलने के लिए प्रदेश के साथ-साथ देश के अन्य क्षेत्र से भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं.
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