Sanwariya Seth Temple: 5 दिन में गिनती पूरी, दानपेटी से सोना-चांदी और कैश इतना मिला कि जानकर चौंक जाएंगे आप

Sanwariya Seth Temple: श्रीसांवलिया सेठ के दानपात्र से निकली राशि की गिनती 5 दिन में पूरी हो गई. एक महीने में खोले भंडार में अब तक कि रिकॉर्ड राशि निकली.

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सांवलिया सेठ के दानपात्र से निकली राशि की गिनती 5 दिन में पूरी हो गई.

Sanwariya Seth Temple: श्रीसांवलिया सेठ के दानपात्र से एक महीने में खोले भंडार से अब तक रिकॉर्ड तोड़ राशि निकली. दानपात्र से 17 करोड़ 93 लाख 16 हजार 975 रुपए कैश निकले.  701 ग्राम 500 मिलीग्राम सोना, 88 किलो 700 ग्राम चांदी मिला. चार चरणों में दानपात्र से निकली राशि की गिनती हुई. मार्च महीने में खोले गए भंडार से 18 करोड़ 55 लाख रुपए निकले थे.

श्रीसांवलिया सेठ का 7 मई को दानपा' खोला गया

7 मई को श्रीसांवलिया सेठ की राजभोग आरती के बाद दानपात्र को मंदिर मंडल के सीईओ राकेश कुमार, मंदिर मंडल अध्यक्ष भैरु लाल गुर्जर, मंदिर मंडल के सदस्यों की मौजूदगी में भंडार खोला गया. 7 मई को पहले चरण में 5 करोड़ 60 लाख रुपए की गिनती हुई.  8 मई को अमावस्या होने और श्रद्धालुओं की संख्या ज्यादा रहने से दानपात्र से निकली राशि की गिनती नही हो सकी. 3 चरणों में 12 करोड़ 80 लाख 15 हजार रुपए की गणना हो सकी.

चौथे चरण में भंडार की शेश बची नोटों की गिनती की गई  

चौथे चरण में भडांर की शेष बची नोटों की गिनती की गई जिसमें 31 लाख 66 हजार 076 रुपए की गिनती हुई.  मंदिर  के भंडार से इस माह 13 करोड़ 11 लाख 81 हज़ार 76 रुपए निकले.  वहीं भेंट कक्ष में नकद व ऑनलाइन 4 करोड़ 81 लाख 35 हज़ार 899 रुपए एवं 33 ग्राम 500 मिलग्राम सोना, 71 किलो 500 ग्राम चांदी की प्राप्ति हुई.

मंदिर और बैंक कर्मचारियों ने नोटों की गिनती की 

श्रीसांवलियाजी मंदिर मंडल के सीईओ राकेश कुमार, मंदिर मंडल अध्यक्ष भैरु लाल गुर्जर सहित मंदिर मडंल के सदस्यों की मौजूदगी में भंडार खोला गया. शेष नोटों की गिनती का काम जारी है. मंदिर मंडल और बैंक कर्मचारियों ने नोटों की गिनती की. मार्च महीने में रिकॉर्ड तोड़ साढ़े 18 लाख से अधिक राशि निकली थी. भंडार से मिले 668 ग्राम सोना और 17 किलो 200 ग्राम चांदी का तौल हुआ.  

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मई में 88 किलो चांदी और 701 ग्राम सोना मिला  

इस माह मंदिर  के दानपात्र व भेंटकक्ष से मिले सोने-चांदी को मिलाकर कुल 701 ग्राम 500 मिलीग्राम सोना और 88 किलो 700 ग्राम चांदी की प्राप्ति हुई.  श्रीसांवलिया सेठ के एक साल में चढ़ावा दोगुना हो गया है.  साल इसी अमावस्या पर खोले गए भंडार से 9 करोड़ 79 लाख व भेंटकक्ष और ऑनलाइन से 83 लाख 91 हज़ार रुपए की गिनती हुई थी. 

मनोकामना पूरी होने पर भक्त चढ़ाते हैं चढ़ावा

श्रीसांवलिया सेठ के दरबार मे रोजाना सैंकड़ों की संख्या में दूर दराज से श्रद्धालु मन्दिर में दर्शन करने आते हैं. मनोकामना पूरी होने और श्रद्धा भाव से श्रद्धालु मंदिर में चढ़ावा चढ़ाते हैं. यहां हर साल जलझूलनी एकादशी पर तीन दिवसीय भव्य मेले का आयोजन होता है. जलझूलनी एकादशी पर श्रीसांवलिया सेठ के बाल स्वरूप की पूजा-अर्चना के बाद चांदी के रथ में विराजित कर सरोवर में भगवान श्रीसांवलिया सेठ शोभायात्रा के साथ स्नान घाट पर पहुंचते हैं और जल में झूलने के बाद महाआरती की जाती है.

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अमावस्या पर हजारों श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है 

मंदिर परिसर में शोभायात्रा पहुंचने पर भव्य आतिशबाजी की जाती है. श्रीसांवलिया सेठ के मंदिर में हर अमावस्या को हजारों श्रद्धालुओं के आने का तांता लगा रहता है. भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार यहां चढ़ावा चढ़ाते हैं. बताया जाता है कि कोई व्यक्ति नया कारोबार शुरू करता है तो भगवान श्रीसांवलिया सेठ की हिस्सेदारी रखते है. कारोबार में सफलता मिलने पर भक्त संवारा सेठ के चढ़ावा चढाते हैं.

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