Sanwariya Seth Temple: 4 दिन बाद भी पूरी नहीं हुई नोटों की गिनती, दान पत्र से मिले इतने करोड़ की चौंक जाएंगे आप

Sanwariya Seth Ka Mandir: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में स्थित श्री सांवलिया सेठ मंदिर में बीते 4 दिन से दान पात्र में मिले नोटों की गिनती का काम जारी है. अब तक 12.8 करोड़ रुपये की गिनती हो गई है. नोटों के बाद सोने-चांदी की गिनती की जाएगी.

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Rajasthan News: मेवाड़ के सुप्रसिद्ध कृष्णधाम श्री सांवलिया सेठ का गत 7 मई को खोले भंडार में अब तक तीन चरणों में पौने 13 करोड़ रुपए से अधिक राशि की ही हो गिनती सकी हैं. शेष बचे दानपात्र की राशि की आज चौथे राउंड में गिनती की जा रही है. इसके अलावा सोने-चांदी का तौल होना बाकी है. जानकरी के अनुसार, श्रीसांवलियाजी मन्दिर मण्डफिया का गत 7 मई को राजभोग आरती के बाद भंडार खोला गया था. 

पहले चरण की गिनती में 5.6 करोड़ रुपये

पहले दिन 7 मई को 5 करोड़ 60 लाख रुपए के नोटों की गिनती हो सकी. 8 मई को अमावस्या के चलते नोटों की गणना नहीं हो सकी. वहीं 9 मई को दूसरे राउंड और 10 मई को तीसरे चरण की गिनती पूरी हुई. अब तक तीन चरणों में 12 करोड़ 80 लाख 15 हज़ार रुपए की गिनती हुई हैं. भंडार से निकले व भेंट कक्ष में मिले सोने-चांदी का तौल होना बाकी है. श्रीसांवलियाजी मन्दिर मण्डल के सीईओ राकेश कुमार, मन्दिर मण्डल अध्यक्ष भैरु लाल गुर्जर समेत मन्दिर मडंल के सदस्यों की मौजूदगी में भंडार खोला गया व शेष नोटों की गिनती का काम जारी है. मन्दिर मण्डल व बैंक के कर्मचारियों द्वारा नोटों की गिनती की जा रही है. गत मार्च माह में रिकॉर्ड तोड़ साढ़े 18 लाख से अधिक राशि निकली थी. 

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मनोकामना पूरी होने पर भक्त चढ़ाते हैं चढ़ावा

आपको बता दें कि श्रीसांवलिया सेठ के दरबार मे रोजाना सैंकड़ों की संख्या में दूर दराज से श्रद्धालु मन्दिर में दर्शन करने आते हैं. मनोकामना पूरी होने व श्रद्धा भाव से श्रद्धालु मन्दिर में चढ़ावा चढ़ाते हैं. यहां हर साल जलझूलनी एकादशी पर तीन दिवसीय भव्य मेले का आयोजन होता है. जलझूलनी एकादशी पर श्रीसांवलिया सेठ के बाल स्वरूप की पूजा अर्चना के बाद चांदी के रथ में विराजित कर सरोवर में भगवान श्रीसांवलिया सेठ शोभायात्रा के साथ स्नान घाट पर पहुंचते हैं और जल में झूलने के बाद महाआरती की जाती है. मन्दिर परिसर में शोभायात्रा पहुंचने पर भव्य आतिशबाजी की जाती है. श्रीसांवलिया सेठ के मन्दिर में हर अमावस्या को हजारों श्रद्धालुओं के आने का तांता लगा रहता है. भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार यहां चढ़ावा चढ़ाते हैं. बताया जाता है कि कोई व्यक्ति नया कारोबार शुरू करता है तो भगवान श्रीसांवलिया सेठ की हिस्सेदारी रखते है. कारोबार में सफलता मिलने पर भक्त संवारा सेठ के चढ़ावा चढाते हैं.

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