सरिस्का के करणी माता मंदिर में 30 मार्च से लगेगा लख्खी मेला, मेले को लेकर वन विभाग अलर्ट लोगों को दी चेतावनी

Lakkhi Fair Sariska: माता के मंदिर तक पहुंचने वाले पैदल रास्तों पर भी कड़ी निगरानी रखी जाएगी. वन्यजीवों को ध्यान में रखते हुए अधिक शोर नहीं होने दिया जाएगा और डीजे पर भी प्रतिबंध रहेगा.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
करणी माता मंदिर

Sariska Karni Mata Temple: अलवर के सरिस्का बफर जोन में स्थित करणी माता के मंदिर में इस बार नवरात्र के अवसर पर 30 मार्च से 6 अप्रैल तक लख्खी मेला लगेगा. इस दौरान हर दिन हजारों श्रद्धालु माता के दर्शन कर मन्नत मांगेंगे. मेले को लेकर प्रशासन और वन विभाग ने विशेष तैयारियां की हैं, क्योंकि यह इलाका सरिस्का के जंगल से सटा हुआ है, जहां बाघ, पैंथर और अन्य वन्यजीवों का मूवमेंट रहता है.  

वन विभाग की कड़ी निगरानी

वन अधिकारी शंकर सिंह ने बताया कि 30 मार्च से 6 अप्रैल तक फॉरेस्ट अधिकारियों और कर्मचारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं. गर्मी के मौसम को देखते हुए आगजनी जैसी घटनाओं से बचाव के लिए विशेष सतर्कता बरती जाएगी. श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में आग जलाने जैसी गतिविधियों से बचने की सख्त हिदायत दी गई है.

खाना बनाने पर भी प्रतिबंध

भंडारे के लिए विशेष व्यवस्था की गई है, जिसमें मंदिर परिसर में खाना बनाने की अनुमति नहीं होगी. गंदगी फैलाने पर रोक लगाने के लिए प्लास्टिक के उपयोग पर रोक रहेगी. साथ ही मेले से पहले मंदिर तक पहुंचने वाली क्षतिग्रस्त सड़कों को दुरुस्त किया जा रहा है.  

3 बाघ और 10 पैंथर के मूवमेंट की पुष्टि

करणी माता मंदिर के आसपास के क्षेत्र में 3 बाघ और 10 पैंथर के मूवमेंट की पुष्टि हुई है. श्रद्धालुओं और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए प्रताप बंध चौकी और किशन कुंड गेट पर एंट्री का समय सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक रहेगा. देर रात यहां किसी को रुकने की अनुमति नहीं दी जाएगी.  

Advertisement

फिलहाल मंदिर के पास एसटी-19, एसटी-18 और 2302 नामक बाघों का मूवमेंट है. वन विभाग ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वह जंगल के नियमों का पालन करें.

ये भी पढ़ें- बारां में चाकूबाजी के बाद बढ़ा तनाव, आरोपियों के घर पर बुलडोजर चलाने की मांग

Topics mentioned in this article