सरिस्का टाइगर रिजर्व में बसे गांवों के विस्थापन प्रक्रिया में हो रहा 15-15 लाख का खेल, फर्जी गांव हो रहे शामिल

सरिस्का कोर में बसे 6 गांवों को विस्थापन प्रक्रिया में विस्थापन मुआवजे को लेकर ग्रामीणों ने अन्य गांव के लोगों को फर्जी तरीके से मुआवजा देने की शिकायत सरिस्का के फील्ड डायरेक्टर को दी गई है.

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Sariska Tiger Reserve: राजस्थान के अलवर में स्थित सरिस्का टाइगर रिजर्व में बसे गांव को विस्थापन करने की प्रक्रिया एक बार फिर तेज हो गई है. यहां सरिस्का कोर क्षेत्र में बसे गांवों को विस्थापित करना है. पहले ही सरिस्का टाइगर रिजर्व से 5 गांवों को पूरी तरह से विस्थापित किया जा चुका है. वहीं अब कोर क्षेत्र में बसे 6 और गांवों को विस्थापित करने की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. हालांकि सरिस्का टाइगर रिजर्व के गांवों को विस्थापित करने में बड़ा खेल चल रहा है. जो RTI सुलासे में हुआ है.

सरिस्का कोर में बसे 6 गांवों को विस्थापन प्रक्रिया में विस्थापन मुआवजे को लेकर ग्रामीणों ने अन्य गांव के लोगों को फर्जी तरीके से मुआवजा देने की शिकायत सरिस्का के फील्ड डायरेक्टर को दी गई है. लोगों का आरोप है कि सरिस्का टाइगर रिजर्व में नहीं रहने वाले लोग भी विस्थापन के लिए आवेदन कर रहे हैं. जबकि सरिस्का प्रशासन द्वारा लोगों को विस्थापन और मुआवजा दिया जा रहा है.

13 लोगों को मिला 15-15 लाख रुपये

बताया जा रहा है कि सरिस्का से बाहर के गांव के करीब 13 लोगों के नाम ग्रामीणों ने दिये है. इसके लिए 15-15 लाख रुपये मुआवजा दिया जा रहा है. साथ ही दूसरे पैकेज में 6 बीघा जिसमें 3,75 लाख नगद और 600 वर्ग गज प्लाट है. सरिस्का में स्थापित नाथूसर गांव के लोगों ने यह आरोप लगाया है. बानसूर के व्यक्ति अशोक कुमार ने बताया की आरटीआई में यह खुलासा हुआ की नाथूसर गांव के विस्थापन में कुछ लोगों ने 15 लाख रुपए का पैकेज लिया है. जबकि वह लोग किसी दूसरे गांव के रहने वाले है.

दावा किया गया है की इन लोगों ने फर्जी राशन कार्ड और आधार कार्ड बनवाकर और इस आधार पर मुआवजा लिया है. जिसमें 6 लोग बानसूर गांव के हैं.  इस संबंध में CCF को शिकायत देखकर जांच कर कार्यवाही की मांग की है. साथ ही इस मामले में लिप्त अधिकारी और संबंधित स्टाफ के खिलाफ भी कार्यवाही की मांग की है. अभ्यारण को बचाने के लिए अभयारण में बसे गांवों को बाहर विस्थापन किया जा रहा है. जिसके लिए प्रक्रिया तेज की गई है. इसी दौरान यह फर्जीवाड़ा भी सामने आया है. जिसकी जांच अब सीसीएफ द्वारा कराई जाएगी.

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