Rajasthan Patwari: राजस्थान में पूरे प्रदेश के पटवारी मंगलवार से ऑनलाइन गिरदावरी में आ रही समस्याओं के विरोध में दो दिन की हड़ताल पर चले गए हैं. पटवारियों के संगठन का कहना है कि फसलों की ऑनलाइन गिरदावरी के लिए दिए गए ऐप में खामियां हैं और इनकी वजह से उन्हें काम करने में परेशानी हो रही है. साथ ही किसानों को भी दिक्कतें आ रही हैं. पटवारियों का कहना है कि उच्च अधिकारियों को इस संबंध में कई बार जानकारी दिए जाने के बाद भी ऐप में सुधार की दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई और इसी वजह से अब उन्हें पेन डाउन हड़ताल करने पर मजबूर होना पड़ा.
खरीफ सीजन के लिए मांग के बाद भी कार्रवाई नहीं
राजस्थान पटवार संगठन ने आरोप लगाया है कि खरीफ सीजन की गिरदावरी के लिए मांगें रखने के 25 दिन बाद भी ऐप में संशोधन नहीं किया गया है. और ऐप में खामियों की शिकायत किए जाने के बाद भी पटवारियों पर गिरदावरी करने का दबाव बनाया जा रहा है.
संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कविया ने बताया कि गिरदावरी ऐप में बफर जोन को 50 मीटर को बढ़ाकर 350 मीटर करने की मांग की गई है. इसकी वजह से मौके पर जाकर ऐप खोलने पर वह काम नहीं करता. पटवारी के लोकेशन पर होने पर भी ऐप में पटवारी के लोकेशन पर नहीं होने की जानकारी आती है. कई बार लोकेशन सैकड़ों किलोमीटर दूर बता दिया जाता है जिससे समय पर गिरदावरी नहीं होने की शिकायत होती है. उन्होंने कहा कि हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बीकानेर और अनूपगढ़ जिले में बफर जोन को जिस तरह बढ़ाया है उसी तर्ज पर अन्य जिलों में भी इसे बढ़ाया जाए. पटवारियों ने महिला पटवारी को फील्ड में सुरक्षा दिलवाने की भी मांग रखी है.
नरेंद्र कविया ने कहा,"हमें मौके पर जाकर फोटो खींचकर ही गिरदावरी करनी होती है. कई जगह पर बहुत ज्यादा बारिश होने से खेतों पर पानी भरा हुआ है. तो ऐसी स्थिति में मौके पर जाकर गिरदावरी करना मुश्किल है."
पटवारी हड़ताल का प्रभाव
पटवारी हड़ताल के कारण ज्यादा बारिश और बाढ़ जैसे हालातों से आई आपदा और फसल के खराब होने की गिरदावरी अटक गई है. पटवारी नहीं होने से गिरदावरी संबंधित जमीन की नाप जोख, गांवों की देखरेख, पैमाइश और प्रमाण पत्र जारी करने जैसे काम रुक गए हैं. भूमि राजस्व, सिंचाई शुल्क और दूसरे करों की वसूली भी अटक गई है.
भूमि विवादों को सुलझाना, कृषि भूमि की माप, भूमि से जुड़े डेटा की कंप्यूटर में फ़ीडिंग, भूमि सीमांकन, म्यूटेशन का काम रुक गया है. विरासत, जाति, आय, निवास संबंधी प्रमाण पत्र का काम भी प्रभावित हुआ है. गांव की ज़मीन का नक्शा, कृषि भूमि की गिरदावरी रिपोर्ट, जमाबंदी ब्रिक्री, राजस्व वसूली पत्र, और खसरा नंबर जैसे अभिलेखों को सुरक्षित रखने जैसे कार्य अटक गए हैं.
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