
Bharat Band Effect Rajasthan: केंद्र सरकार की श्रम नीतियों और बैंकिंग क्षेत्र से जुड़े कई फैसलों के विरोध में कल यानी 9 जुलाई को देशभर में बैंक कर्मचारी हड़ताल पर हैं. भारत बंद (Bharat Band) का व्यापक असर राजस्थान में भी देखने को मिलेगा. क्योंकि प्रदेशभर में करीब 11 हजार बैंककर्मी और अधिकारी काम से दूर रहेंगे जिससे आमजन को बैंकिंग सेवाओं में भारी दिक्कत हो सकती है. वहीं व्यापक असर के बाद स्कूल भी बंद किये जा सकते हैं. हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है.
जयपुर में बैंककर्मी बुधवार सुबह 11 बजे सी-स्कीम के बैंक ऑफ इंडिया शाखा के बाहर प्रदर्शन करेंगे. इसके बाद वे हसनपुरा स्थित श्रम आयुक्त कार्यालय जाएंगे, जहां अन्य यूनियनों के साथ संयुक्त प्रदर्शन किया जाएगा.
हड़ताल में कौन-कौन से सेक्टर के कर्मचारी शामिल
राजस्थान प्रदेश बैंक कर्मचारी यूनियन के महासचिव महेश मिश्रा ने बताया कि इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में सार्वजनिक, निजी, विदेशी, सहकारी और ग्रामीण बैंकों के कर्मचारी शामिल हैं. हड़ताल के समर्थन में बीमा, डाक, दूरसंचार, कोयला, रक्षा, शिक्षा, स्वास्थ्य, आयकर, आंगनबाड़ी, आशा, मिड-डे मील और फैक्ट्री सेक्टर के कर्मचारी भी शामिल हो रहे हैं.
कर्मचारी संगठनों का कहना है कि श्रम मंत्रालय को सौंपे गए 17 सूत्रीय मांगपत्र पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इन मांगों में बैंकों के निजीकरण पर रोक, पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली, आउटसोर्सिंग पर पाबंदी, न्यूनतम वेतन 26,000 करने, पांच दिवसीय बैंकिंग लागू करने और कॉरपोरेट लोन की वसूली जैसे मुद्दे शामिल हैं.
संगठनों का आरोप है कि सरकार नए लेबर कोड के जरिए ट्रेड यूनियन को कमजोर करने, श्रमिक अधिकारों में कटौती और रोजगार के अवसरों की जगह निजी कंपनियों को लाभ पहुंचाने की नीति अपना रही है.
ट्रेड यूनियनों का विरोध
इस राष्ट्रव्यापी विरोध में शामिल प्रमुख ट्रेड यूनियनों में इंटक (INTUC), सीटू (CITU), एटक (AITUC), ट्रेड यूनियन कांग्रेस (TUC), सेवा (SEWA), एआईसीसीटीयू (AICCTU), हिंद मजदूर सभा (HMS), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (LPF) और यूटीयूसी (UTUC) शामिल हैं.
हड़ताल का असर केवल बैंकिंग सेवाओं तक सीमित नहीं रहा. बीमा कार्यालय, डाकघर, बीएसएनएल, विभिन्न राज्य व केंद्र सरकार के कार्यालयों, स्कूलों, अस्पतालों और सार्वजनिक वितरण प्रणाली तक के कामकाज पर भी असर पड़ सकता है.
यूनियनों ने चेताया है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर जल्द सकारात्मक कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा.
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