Diwali 2024: ना प्रदूषण, न सरकार के आदेश, फिर क्यों राजस्थान के इस गांव में पटाखे जलाने पर लगी पाबंदी?

धोइन्दा में ज़्यादातर लोग पशुपालन करते हैं. ऐसे में जानवरों के आसपास पटाखे जलाने की सख्त मनाही की गई है. धुंधलाज माताजी सेवा समिति के इस प्रयास का पशु प्रेमियों ने भी जमकर समर्थन किया है.

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Rajasmand News: दीपावली का त्योहार खुशियों का त्योहार है. जो सनातन धर्म में पूरे विधि विधान से मनाया जाता है. लेकिन इस त्यौहार के साइड इफेक्ट भी कभी कभार सामने आने लगे हैं. जिसमें पटाखे के धुएं से प्रदूषण, खेतों में पड़े सूखे चारे में आग लगने की घटनाएं और पटाखों के कारण आपसी विवाद बढ़ने की घटनाएं भी देखने को मिलती हैं.

त्योहारों पर रंग में भंग ना पड़े इसके लिए राजसमंद के उपनगर धोइंदा के सर्व समाज ने धुंधलाज माताजी सेवा समिति के बैनर तले एक विशेष व्यवस्था की है. जिसके तहत सभी समाज के प्रतिनिधियों ने मिलकर यह फैसला लिया कि दीपोत्सव के पांच दिनों तक सार्वजनिक स्थानों पर पटाखे जलाने पर पाबंदी रहेगी. इसके साथ केवल अपने मकान के बाहर ही पटाखे जलाए जा सकेंगे.

बेजुबानों को परेशानी से बचने के लिए बनाए गए नियम 

धोइन्दा गांव में अधिकांश लोगों के पास पशुधन होने से जानवरों के आसपास पटाखे जलाने की भी सख्त मनाही की गई है. इस नवाचार से लोगों में आपसी मतभेद की संभावना नहीं रहेगी और कोई विवाद उत्पन्न नहीं होगा. धुंधलाज माताजी सेवा समिति के इस प्रयास का पशु प्रेमियों ने भी जमकर समर्थन किया है. सेवा समिति के प्रवक्ता भेरूलाल लोढ़ा ने बताया कि यह नियम आपसी सौहार्द बनाए रखने और बेजुबानों को परेशानी से बचने के लिए बनाए गए हैं.

कमेटी करेगी अनुशासनात्मक कार्रवाई

इन नियमों की अवहेलना करने वाले परिवारों पर कमेटी अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी. इस गांव में पहली बार शुरू हुए ऐसे नियम की हर तरफ सराहना की जा रही है. स्थानीय लोगों का मानना है कि प्रदूषण में कमी लाने, पशुओं की सुरक्षा करने और आपसी भाईचारा बनाए रखने के लिए ऐसे नियमों की समझ में महती आवश्यकता है.

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