RPSC SI Exam 2021: पेपर लीक और डमी परीक्षार्थियों की वजह से विवादित 2021 एसआई भर्ती परीक्षा में राजस्थान सरकार को 15 मई तक अपना मत स्पष्ट करना है. सरकार को पिछले सप्ताह 5 मई को ही हाई कोर्ट में अपना जवाब रखना था. लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया जिसके बाद हाई कोर्ट की जयपुर बेंच ने सख़्त लहजे में सरकार को 15 मई तक जवाब दाखिल करने का आदेश दिया और कहा कि उसके पास ये अंतिम मौका है और अगर उसने ऐसा नहीं किया तो 'हम अपना फैसला सुना देंगे'. हाई कोर्ट ने इस वर्ष फरवरी में सरकार को भर्ती के बारे में फैसला करने के लिए दो महीने का समय दिया था लेकिन पिछली सुनवाई में अदालत ने स्पष्ट कर दिया कि सरकार को अब कोई मोहलत नहीं दी जाएगी.
इस बीच सरकार के जवाब की प्रतीक्षा के बीच परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों और उनके परिजन ने मांग की है कि परीक्षा पूरी तरह रद्द नहीं की जानी चाहिए.
'पूरे चयनित समूह को दोषी ना माना जाए'
जयपुर के पिंक सिटी प्रेस क्लब में चयनित अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 परीक्षा को यथावत रखने की मांग की. उन्होंने कहा कि 859 पदों पर शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया को पांच साल बाद रद्द करना सरासर अन्याय होगा.
उन्होंने बताया कि चयनित उम्मीदवारों में से 523 इससे पहले अन्य सरकारी सेवा में चयनित हो चुके हैं. इनमें से 40 केंद्र सरकार की सेवा में, जबकि 396 राज्य सरकार की सेवा में कार्यरत हैं. इसके अलावा 87 अभ्यर्थी SOG जैसे विशेष बलों में कार्यरत हैं. ऐसे में यदि यह भर्ती रद्द की जाती है तो इससे हुए नुकसान की भरपाई संभव नहीं होगी.
उन्होंने कहा कि भर्ती को रद्द करने के लिए झूठे आरोप गढ़ना, फर्जी बातों का सहारा लेना और बिना किसी दोष के चयनितों को दंडित करना न केवल अन्याय है, बल्कि नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है.
चयनित अभ्यर्थियों और उनके परिजनों ने सरकार से मांग की कि भर्ती को बरकरार रखते हुए निष्पक्ष जांच की जाए और दोषियों को ही दंडित किया जाए. उन्होंने कहा कि इसके लिए पूरे चयनित समूह को दोषी मानना गलत है.
क्या है मामला
वर्ष 2021 में 859 एसआई पदों को भरने के लिए वैकेंसी निकाली गई थी जिसमें गड़बड़ी के आरोप लगे जिसके बाद SOG ने मामले की जांच की. इस मामले में अब तक 50 ट्रेनी सब इंस्पेक्टर और राजस्थान लोक सेवा आयोग के दो सदस्यों सहित कुल 150 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. परीक्षा में गड़बड़ी की बात सामने आने के बाद बहुत सारे युवा और नेता इसे पूरी तरह रद्द करने की मांग कर रहे हैं.
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