SI Paper Leak Case: SOG की चार्जशीट में बड़ा खुलासा, RPSC चेयरमैन से पहले रामूराम राईका के बेटे-बेटी को मिल गया था पेपर, अब कई बड़े नाम रडार में

SI Paper Leak Case: SI पेपर लीक केस की जांच में जुटी राजस्थान पुलिस की विशेष टीम SOG की चार्जशीट से की चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. चार्जशीट के खुलासों के बाद कई बड़े नाम अब जांच में दायरे में आ गए हैं.

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RPSC Paper Leak Case: आरपीएससी के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा और रामू राम राईका.
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SI Paper Leak Case: राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर पद के लिए 2021 में आई भर्ती में इस कदर की धांधली और सेटिंग की गई थी कि राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के चेयरमैन को पेपर मिलने से पहले परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को पेपर मिल गया था. हैरान करने वाला यह खुलासा SI पेपर लीक मामले की जांच कर रही SOG की चार्जशीट में हुआ है. दरअसल SOG ने SI भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में 20 आरोपियों के खिलाफ 29 अक्टूबर को चार्जशीट पेश की थी. चार्जशीट में SOG ने बड़े खुलासे किए हैं. SOG की चार्जशीट के मुताबिक इस पूरे मामले में राजस्थान लोक सेवा आयोग के तत्कालीन चेयरमैन संजय क्षोत्रिय से लेकर सदस्य मंजू शर्मा, संगीता आर्या, जसवंत राठी सबकी भूमिका संदेहास्पद है. इन सभी ने रामू राम राईका के बेटे, बेटियों को फायदा पहुंचाया है. 

RPSC चेयरमैन से पहले शोभा और देवेश को मिल गया था पेपर

SOG की चार्जशीट के मुताबिक रामू राम राईका को पेपर बाबूलाल कटारा ने उपलब्ध कराया था. बाबूलाल कटारा को मार्च महीने में तत्कालीन चेयरमैन भूपेंद्र सिंह ने SI भर्ती परीक्षा के लिखित परीक्षा के प्रश्न पत्र तैयार कराने की जिम्मेदारी दी थी. भूपेंद्र सिंह अक्टूबर 2020 से 1 दिसंबर 2021 तक आयोग के चेयरमैन थे. पहले यह परीक्षा एक दिन में आयोजित होनी थी, इसलिए बाबूलाल कटारा ने फर्स्ट पेपर और सेकेंड पेपर के दो दो सेट तैयार कर रख लिए थे. 

बाद में परीक्षा तीन दिन आयोजित करने का फैसला किया गया. इसके लिए दोनों पेपर के एक एक अतिरिक्त सेट मंजू शर्मा से लेने के आदेश बाबूलाल कटारा को दिए गए. बाबूलाल ने यह सेट भी ले लिया. सभी 3 सेट उसने अपनी अलमारी में रखे. 

अगस्त के दूसरे सप्ताह में उसने रामू राम राईका को सभी प्रश्न के सेट और उसकी आंसर की की फोटो लेने दी. रामू राम राईका ने फोटो लेने के बाद सभी प्रश्नों को रजिस्टर में लिखकर अपने बेटे बेटी को दे दी. बाबूलाल कटारा ने इसके बाद सीलबंद लिफाफे में यह प्रश्न पत्र और आंसर की तत्कालीन चेयरमैन को सौंपी. 
इस तरह SOG की जांच में यह पता चला है कि देवेश और शोभा राईका को आयोग के चेयरमैन से पहले ही प्रश्न पत्र मिल गया था. 

हालांकि बाबूलाल कटारा को मंजू शर्मा से प्रश्न पत्र के सेट लेने एवं मंजू द्वारा कटारा को सेट देने का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है. SOG ने इस संबंध.में भी जानकारी मांगी है. 

बेटे-बेटी को इंटरव्यू में अच्छे नंबर दिलाने के लिए चेयरमैन और सदस्यों से की मुलाकात

रामू राम राईका ने अपनी बेटी शोभा राईका को इंटरव्यू में अच्छे नंबर दिलाने के लिए तत्कालीन.चेयरमैन संजय क्षोत्रिय, सदस्य मंजू शर्मा, संगीता आर्य , जसवंत राठी से मुलाकात की. क्योंकि चेयरमैन ही इंटरव्यू बोर्ड के सदस्य तय करते हैं, इसलिए उसने संजय क्षोत्रिय से मुलाकात की थी. बाद में शोभा राईका बाबूलाल कटारा के इंटरव्यू बोर्ड में आई. बाबूलाल कटारा ने उसे 34 नंबर दिए. कोई कंफ्यूजन न हो इसलिए रामू राम राईका ने बाबूलाल कटारा को शोभा की फोटो दिखाई थी और कहा था कि शोभा इसी कपड़े में इंटरव्यू देने आएगी. 

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देवेश के इंटरव्यू के लिए भी वह संजय क्षोत्रिय, मंजू शर्मा, संगीता आर्य से मिला और जसवंत राठी से फोन पर बात की. संजय क्षोत्रिय ने उसे अपने बोर्ड में लिया और देवेश को 28 अंक दिए. 

CDR से हुआ खुलासा, लगातार संपर्क में थे बाबूलाल और रामू राम राईका 

SOG ने बाबूलाल कटारा और रामू राम राईका के फोन का सीडीआर निकलवाया. जांच में यह साफ हुआ है कि वे दोनों लगातार एक दूसरे के संपर्क में थे. SOG ने जांच के दौरान कई फोन भी जब्त किए हैं. उन्हें भी जांच के लिए भेजा गया है. चार्जशीट के मुताबिक सभी आरोपियों ने पूछताछ के दौरान अपना अपराध कुबूल किया है. अपने आप को पाक साफ दिखाने के लिए रामू राम राईका ने देवेश के परीक्षा में शामिल होने की बात आयोग को बताई थी और अपने को प्रक्रिया से अलग रखा था. लेकिन उसने बेटी के परीक्षा में शामिल होने की जानकारी नहीं दी थी. 

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आयोग के चेयरमैन, सदस्य और कर्मी भी जांच के दायरे में 

चार्जशीट से यह साफ हो रहा है कि इस पूरे मामले में आयोग के तत्कालीन चेयरमैन संजय क्षोत्रिय, सदस्य मंजू शर्मा, संगीता आर्य, जसवंत राठी, उप सचिव चनारा राम सोलंकी की भूमिका संदेह के घेरे में है. अब देखना है कि SOG इनके खिलाफ किस तरह की कार्रवाई करती है.

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