राजस्थान में आवारा पशुओं का आंतक, कोचिंग से लौट रहे छात्र के सीने में घुसाया सींग, टूटी पसलियां

राजस्थान के सीकर जिले में एक छात्र कोचिंग से घर जाते समय आवारा सांड से टकरा गया. जिसके बाद सांड ने उसके सीने में अंदर तक सींग घुसा दिया. जिसकी वजह से छात्र की पसलियां टूट गई.

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दुर्घटना में घायल छात्र.

Rajasthan News: राजस्थान में सीकर शहर के रामलीला मैदान में शुक्रवार शाम कोचिंग में पढ़ाई कर वापस घर लौट रहे छात्र की बाइक के सामने अचानक आवारा सांड आ गया. बाइक के सामने अचानक सांड आने से बाइक सांड से टकरा गई और सांड ने छात्र के सीने में सींग घुसा दिया. जिससे छात्र की पसलियां टूट गई. घायल छात्र को आसपास के लोगों ने अस्पताल. जिसके बाद उसका सीकर के SK अस्पताल में इलाज किया जा रहा है. घायल छात्र का नाम विनोद है.

सांड ने सीने में 2 इंच तक घुसया सींग

घटना के बाद विनोद के पिता करनदीप ने बताया कि आज शाम को करीब 6:30 बजे विनोद कोचिंग में पढ़ाई कर वापस घर लौट रहा था. इसी दौरान शहर के रामलीला मैदान स्थित गुरुद्वारे के सामने अचानक उसकी बाइक के सामने आवारा सांड आ गया. आवारा सांड के सामने आने से बाइक सांड से टकरा गई. इस दौरान सांड ने विनोद के सीने में करीब 2 इंच तक सींग घुसा दिया. जिससे विनोद की पसलियां टूट गई. जिसका अभी अस्पताल में इलाज जारी है.

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इससे पहले भी हो चुके हैं कई हादसे

आपको बता दे कि सीकर शहर में जिला प्रशासन की उदासीनता के चलते बड़ी संख्या में आवारा जानवर मुख्य सड़कों पर दिन रात घूमते नजर आ आते हैं. वहीं शहर में आवारा पशुओं के हमला करने का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी सीकर में आवारा पशुओं के हमले से कई लोगों घायल हो चुके है और कई लोगों की जान भी जा चुकी है.

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इसके बाद भी स्थानीय प्रशासन आवारा पशुओं के स्थाई समाधान का आज तक कोई स्थाई उपाय नहीं कर पाया है. इसके अलावा आवारा पशुओं से परेशान शहर के व्यापारी और आमजन भी कई बार विरोध प्रदर्शन चुके हैं. 

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प्रशासन कर रहा अनदेखी

लोगों के विरोध को देखते हुए नगर परिषद के कर्मचारी आवारा पशुओं को पकड़ने की मुहिम चलाकर आवारा पशुओं को पड़कर शहर से बाहर छोड़ देते है. जब मामला शांत हो जाता है तो अभियान बंद कर दिया जाता है. ऐसे में शहर से बाहर छोड़े गए आवारा पशु घूमते फिरते वापस मुख्य बाजारों तक पहुंच जाते हैं और आवारा पशुओं के हमले से ऐसी घटनाएं हो जाती है. इसलिए जिला प्रशासन को आवारा जानवरों के स्थाई प्रबंध को लेकर उचित कदम उठाने चाहिए. जिससे ऐसी घटनाओं की रोकथाम हो सके.

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