Sikar Lok Sabha Constituency: जहां से देवीलाल, भैरो सिंह जीते, क्या तीसरी हार से बचने के लिए डोटासरा को उतारेगी कांग्रेस?

Sikar Lok Sabha Seat: पिछले 10 लोकसभा चुनावों की बात की जाए तो भाजपा ने पांच बार जीत दर्ज की है तो वहीं एक बार भाजपा समर्थित जनता दल और चार बार कांग्रेस के उम्मीदवार जीते हैं. पिछले दो लोकसभा चुनाव में भाजपा ने लगातार जीत दर्ज कर अपना परचम लहराया है.

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राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा और सीकर के वर्तमान सांसद सुमेधानन्द सरस्वती

Lok Sabha Election 2023: शेखावाटी में सीकर लोकसभा क्षेत्र का अपना अलग ही महत्व है. देश में सैनिकों और वीरों की भूमि होने के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में भी अपनी अलग पहचान रखने वाला जिला है. यह वह लोकसभा क्षेत्र है जिसने देश में जाट राजनीति को नए आयाम दिए. यहां की राजनीति में पनपे कई नेता देश के उच्च पदों पर पहुंचे हैं जिनमें भारत के भूतपूर्व उपराष्ट्रपति और राजस्थान के भूतपूर्व मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत, पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल और लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ सरीखे नेता शामिल हैं.

सीकर लोकसभा सीट लंबे समय से जाट बाहुल्य सीट मानी जाती है. 1952 से लेकर अब तक हुए चुनाव की बात करें तो सीकर सीट पर जाट नेताओं का ज्यादा दबदबा रहा है. वहीं अधिकतर चुनाव में भाजपा ने सीकर लोकसभा सीट पर जीत दर्ज करते हुए अपना कब्जा जमाया है. वर्तमान में सीकर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के स्वामी सुमेधानन्द सरस्वती सांसद के रूप में लोकसभा में सीकर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. जो सीकर से लगातार दो बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं.

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आगामी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव 2023 के सीकर जिले के चुनाव परिणाम को अगर देखें तो सीकर जिले की आठ विधानसभा में से पांच पर कांग्रेस ने अपना परचम लहराया है तो वहीं भाजपा की झोली में सिर्फ तीन सीटें ही आई हैं.

माना जा रहा है कि भाजपा की आपसी फूट के चलते जिले में भाजपा को विधानसभा चुनाव में नुकसान का सामना करना पड़ा. अगर भाजपा ने डैमेज कंट्रोल को रोका नहीं किया तो आगामी लोकसभा चुनाव पर भी इसका असर पड़ सकता है.

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पांच बार भाजपा तो चार बार कांग्रेस जीती 

पिछले 10 लोकसभा चुनावों की बात की जाए तो भाजपा ने पांच बार जीत दर्ज की है तो वहीं एक बार भाजपा समर्थित जनता दल और चार बार कांग्रेस के उम्मीदवार जीते हैं. पिछले दो लोकसभा चुनाव में भाजपा ने लगातार जीत दर्ज कर अपना परचम लहराया है.

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1952 से लेकर 2019 तक जीत का समीकरण

सीकर लोकसभा सीट पर 1952 में राम राज्य परिषद के नंदलाल शर्मा ने पहली जीत दर्ज की. 1957 और 62 के चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के रामेश्वर टांटिया, 1967 के चुनाव में भारतीय जनसंघ के गोपाल साबू, 1971 के चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के श्रीकृष्णा मोदी, 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के जगदीश प्रसाद माथुर, 1980 के चुनाव में जनता पार्टी (सेक्युलर) कुंभाराम आर्य, 1984 के चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बलराम जाखड़, 1989 में जनता दल के चौधरी देवीलाल, 1991 के चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बलराम जाखड़, 1996 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के डॉ. हरि सिंह, 1998, 1999 व 2004 चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सुभाष महरिया, 2009 के चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महादेव सिंह खंडेला और 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सुमेधानन्द सरस्वती ने जीत का परचम लहराया है.

जाट राजनीति का केंद्र है सीकर

सीकर लोकसभा क्षेत्र राजस्थान में परंपरागत रूप से जाट राजनीति का गढ़ माना जाता है. यहां सबसे ज्यादा जाट मतदाताओं की संख्या है इसके बाद दूसरे नंबर पर एससी-एसटी, तीसरे नंबर पर मुस्लिम, चौथे नंबर पर राजपूत मतदाताओं की संख्या है.

इसके अलावा ब्राह्मण-महाजन, माली-सैनी,  गुर्जर और अन्य जातियों के मतदाताओं की संख्या है.

डोटासरा को उतारेगी कांग्रेस?

आगामी लोकसभा चुनाव में सीकर से भाजपा की ओर से वर्तमान सांसद सुमेधानन्द सरस्वती की दावेदारी मजबूती मानी जा रही है. अगर आरएसएस की चली तो अन्य किसी संघ के पसंदीदा कार्यकर्ता पर भी भाजपा दांव खेल सकती है. बात करें कांग्रेस की तो कांग्रेस की ओर से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का नाम खास चर्चा में है. अगर डोटासरा चुनाव मैदान में नहीं उतरते हैं तो कांग्रेस पार्टी एकबार फिर से पूर्व सांसद एवं पूर्व केंद्रीय महादेव सिंह खंडेला को चुनावी मैदान में उतार सकती है.

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