सीकर में जवान की मौत, गांव में फैली शोक की लहर; विरोध प्रदर्शन कर रहे लोग

जवान के पार्थिव शरीर को रविवार को नीमकाथाना के पाटन थाने लाया गया. उनके अंतिम दर्शन के लिए परिजनों और ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins

Rajasthan News: सीकर जिले के नीमकाथाना क्षेत्र के धंधेला गांव के जवान रामचंद्र सैनी का उत्तराखंड में ड्यूटी के दौरान निधन हो गया. रामचंद्र सैनी 66 आरसीसी (BRO) जीआरईएफ में तैनात थे. बताया जा रहा है कि अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और हार्ट अटैक के कारण उनकी मृत्यु हो गई. सीकर जिले नीमकाथाना इलाके के पाटन थाना अंतर्गत धांधेला के BRO जवान रामचंद्र सैनी के निधन के मामले में चल रहा गतिरोध आखिरकार खत्म हो गया.

प्रशासन और परिजनों के बीच मांगों को लेकर सहमति बन गई. धरने पर बैठे परिजनों और ग्रामीणों की मांग थी कि जवान को शहीद का दर्जा दिया जाए इसके साथ ही जवान की अंत्येष्टि राजकीय सम्मान के साथ की जाए सहित अन्य मांगों को लेकर सुबह से ही ग्रामीण और परिजनों की ओर से रोड जामकर मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था.

Advertisement

राजकीय सम्मान के साथ की गई अंत्येष्टि  

कई घंटे के विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन और परिजनों के बीच कई दौर की वार्ता चली, जिसके बाद मांगों को लेकर सहमति बनी और परिजनों और ग्रामीणों ने धरना समाप्त किया. मांगों पर बनी सहमति के बाद जवान के सम्मान में ग्रामीणों ने तिरंगा रैली निकालकर पैतृक गांव ले जाया गया. जहां पर राजकीय सम्मान के साथ गार्ड ऑफ ने ऑनर देकर जवान की अंत्येष्टि की गई.

Advertisement

ड्यूटी के दौरान आया अटैक

बता दें पाटन के धांधेला के रहने वाले बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के जवान रामचंद्र सैनी (42) का हार्ट अटैक से निधन हो गया. उत्तराखंड के बुंदेला में BRO की जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स 66 यूनिट में तैनात रामचंद्र सैनी को शनिवार सुबह दौड़ते समय हार्ट अटैक आया और वे सड़क पर गिर पड़े. उनके साथी जवानों ने उनको संभाला और तुरंत कैंप ले गए, जहां से उनको अस्पताल ले जाया गया. जांच के बाद डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

Advertisement

रविवार सुबह 9 बजे जवान की पार्थिव देह को पाटन थाने लाया गया. परिजनों और ग्रामीणों ने शहीद का दर्जा देने, सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने और मौत के कारण की उच्च स्तरीय जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया और धरने पर बैठ गए. शाम को मांगों पर सहमति के बाद धरना खत्म हो गया.

इन मुद्दों पर बनी सहमति

पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष विनोद बुधौली ने बताया की कई दौर वार्ता चलने के बाद प्रशासन और परिजनों के बीच मांगों को लेकर सहमति बनी, जिनमें एक बच्चे को सरकारी नौकरी, आश्रितों को पेंशन योजनाओं का लाभ, विभिन्न योजनाओं के जरिए लगभग एक करोड़ का अनुदान राशि, शहीद प्रतिमा के लिए सरकारी भूमि का आवंटन का आश्वासन, गांव की सरकारी बालिका स्कूल का नामकरण शहीद के नाम से करवाने, सरकारी वाहन से अंतिम यात्रा व गार्ड ऑफ ऑनर से अंत्येष्टि सहित सभी सेना से जुड़ी योजनाओं का लाभ मिलने का आश्वासन के बाद धरना समाप्त किया गया.

ये भी पढ़ें- भीलवाड़ा में मास्टर प्लान-2035 पर विवाद! 12 गांवों के किसानों की जाएगी जमीन, लेकिन उन्हें ही पता नहीं

Topics mentioned in this article