Bulldozer Action: राजस्थान में अतिक्रमण हटाने पर तनाव, बुलडोजर के आगे खड़ी हो गईं महिलाएं, पुरुषों ने लगाई आग

Bulldozer Action in Sikar: सीकर के श्रीमाधोपुर में कोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम को ग्रामीणों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा. महिलाएं बुलडोजर के आगे खड़ी हुईं, पुरुषों ने सड़क पर आग लगाई. जानिए, तनावपूर्ण माहौल में कैसे पूरी हुई कार्रवाई.

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राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर 'जंग': जानिए, दो घंटे के भीतर सीकर के श्रीमाधोपुर में क्या-क्या हुआ?
NDTV Reporter

Rajasthan News: राजस्थान के सीकर जिले का श्रीमाधोपुर इलाका बुधवार शाम उस समय हाई-वोल्टेज ड्रामा का गवाह बना, जब प्रशासन एक सरकारी रास्ते से 30 साल पुराना अतिक्रमण हटाने पहुंचा. हाई कोर्ट के कड़े आदेश के बावजूद, डेरावाली गांव के ग्रामीणों ने जबरदस्त विरोध किया. हालात इतने तनावपूर्ण हो गए कि महिलाओं ने बुलडोजर के आगे खड़े होकर रास्ता रोक लिया, वहीं पुरुषों ने प्रशासन की आंखों के सामने सड़क पर आग लगाकर अपना रोष व्यक्त किया. सैकड़ों पुलिसकर्मियों की मौजूदगी के बीच लगभग दो घंटे तक चली यह कार्रवाई, ग्रामीणों के तीव्र विरोध और प्रशासन की सख्ती के बीच एक खींचतान भरी स्थिति में पूरी हुई.

विरोध का सबसे बड़ा चेहरा बनीं महिलाएं

यह कार्रवाई ग्राम पंचायत कल्याणपुरा की ढाणी डेरावाली स्थित एक सार्वजनिक रास्ते पर हो रही थी, जिस पर लंबे समय से अवैध कब्जा था. जैसे ही जेसीबी मशीनें पुलिस के भारी जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचीं, ग्रामीण संगठित होकर सामने आ गए. सबसे पहले गांव की महिलाएं विरोध की अग्रिम पंक्ति में खड़ी हो गईं. महिलाओं ने बुलडोजर की ओर जाने वाले रास्ते को पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया. कई महिलाएं तो सीधे बुलडोजर (जेसीबी मशीन) के बिलकुल आगे जाकर डट गईं, जिससे प्रशासनिक दल को कार्रवाई शुरू करने में भारी मशक्कत करनी पड़ी.

'दीवार बनकर' बुलडोजर के आगे खड़ी हो गईं महिलाएं.
Photo Credit: NDTV Reporter

सड़क पर आगजनी, प्रदर्शन हुआ उग्र

महिलाओं के सड़क रोकने के साथ ही, गांव के पुरुषों ने भी अपने विरोध को उग्र बना दिया. विरोध कर रहे कुछ ग्रामीणों ने मौके पर ही सड़क पर आग लगा दी. सड़क के बीचों-बीच जलती आग की लपटें, मौके पर मौजूद तनावपूर्ण माहौल की गवाही दे रही थीं. यह प्रदर्शन प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था, जिसे कानून-व्यवस्था बनाए रखते हुए कोर्ट के आदेश का पालन करना था.

5 थानों का पुलिस बल मौके पर तैनात

प्रशासन ने पहले ही इस तीखे विरोध की आशंका को देखते हुए व्यापक तैयारी कर रखी थी. हाई कोर्ट के आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मियों का जाब्ता मौके पर तैनात किया गया था. श्रीमाधोपुर, अजीतगढ़, थोई, जाजोद और नीमकाथाना सहित पांच थानों का पुलिस बल मौजूद था. मौके पर उपखंड अधिकारी अनिल कुमार, सहायक कलेक्टर ज्वाला सहाय मीणा, एएसपी गिरधारी लाल शर्मा जैसे कई वरिष्ठ अधिकारी खुद मोर्चा संभाले हुए थे. पुलिस ने शुरुआत में ग्रामीणों को शांत करने और कोर्ट के आदेश की अनिवार्यता समझाने की कोशिश की. हालांकि, जब विरोध थमने का नाम नहीं लिया, तब पुलिस ने सतर्कता बरतते हुए हालात को संभाला और बल प्रयोग से बचते हुए कानून-व्यवस्था को बिगड़ने नहीं दिया.

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सीकर में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल की तैनाती रही.
Photo Credit: NDTV Reporter

3 दिन में कोर्ट में पेश करने थी रिपोर्ट

विरोध के बावजूद प्रशासन अपनी कार्रवाई से पीछे नहीं हटा क्योंकि यह मामला राजस्थान हाई कोर्ट की जयपुर बेंच के सख्त निर्देशों से जुड़ा हुआ था. मामले के परिवादी मुकेश सामोता की अपील पर कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि यदि अपीलीय कोर्ट से स्थगन आदेश नहीं मिलता है, तो तीन दिन के भीतर अतिक्रमण हटाकर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए. इस आदेश का पालन करते हुए, प्रशासनिक दल ने जेसीबी की मदद से कच्चे और पक्के, सभी तरह के अवैध निर्माणों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया. लगभग दो घंटे तक चले इस संघर्षपूर्ण अभियान के बाद, सरकारी रास्ता पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त हो गया.

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