Sirohi Leopard Attack: ड्रोन से निगरानी, पिंजरे में बकरा… फिर भी पकड़ से दूर आदमखोर तेंदुआ

एसीएफ दारा सिंह ने बताया कि वन विभाग की टीम दो दिन से मौके पर डटी हुई है. ड्रोन से तेंदुए की लोकेशन खोजी जा रही है, ताकि उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके.

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Rajasthan News: राजस्थान के सिरोही जिले के रोहिड़ा जोड़ और धनारी क्षेत्र में तेंदुए की दहशत लगातार बढ़ती जा रही है. वन विभाग की टीमें दिन-रात इसे पकड़ने की कोशिश कर रही हैं. ड्रोन कैमरों से जंगल की निगरानी हो रही है और पिंजरे में बकरा बांधकर चारा दिखाया जा रहा है, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली है. बालिका की जान लेने और एक व्यक्ति को घायल करने वाला यह खूंखार तेंदुआ ग्रामीणों के लिए आतंक का कारण बना हुआ है.

2 दिन में दो हमले

तीन दिन पहले तेंदुए ने 12 वर्षीय मासूम बालिका विमला पुत्री उजमाराम पर हमला कर दिया था. गले से दबोचकर उसे मौत के घाट उतार दिया. अचानक हुए इस हादसे से परिवार पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा और पूरे गांव में मातम छा गया. यह पहली बार था जब इलाके में इंसान पर हमला हुआ. लेकिन डर यहीं खत्म नहीं हुआ. अगले ही दिन तेंदुए ने एक और शख्स पर हमला कर दिया, जिसमें वह घायल हो गया. लगातार दो हमलों ने पूरे क्षेत्र के लोगों में खौफ पैदा कर दिया है.

ड्रोन से तेंदुए की खोज

एसीएफ दारा सिंह ने बताया कि वन विभाग की टीम दो दिन से मौके पर डटी हुई है. ड्रोन से तेंदुए की लोकेशन खोजी जा रही है, ताकि उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके. वहीं पिंजरे लगाकर उसमें बकरा बांधा गया है ताकि तेंदुए को आकर्षित किया जा सके. हालांकि अब तक वह जाल में फंसने से बच रहा है. टीम का कहना है कि लगातार प्रयास जारी हैं और जल्द ही तेंदुए को पकड़कर सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा.

शाम होते ही घरों में कैद हो जाते हैं लोग

ग्रामीणों ने बताया कि कई दिनों से तेंदुए की मूवमेंट की सूचना दी जा रही थी, लेकिन प्रशासन और वन विभाग ने समय रहते कार्रवाई नहीं की. इसी लापरवाही का नतीजा मासूम की मौत और एक व्यक्ति की जानलेवा चोट के रूप में सामने आया. हालात यह हैं कि ग्रामीण शाम ढलते ही घरों में कैद हो जाते हैं. बच्चे-बुजुर्ग तो बिल्कुल भी घरों से बाहर निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे. 

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प्रशासन ने बढ़ाई निगरानी

फिलहाल क्षेत्र में वन विभाग और प्रशासन ने सख्त निगरानी बढ़ा दी है. ड्रोन की आंखें आसमान से जंगल की हर हलचल देख रही हैं और पिंजरों का जाल जमीन पर बिछाया गया है. बावजूद इसके तेंदुए की पकड़ से बच निकलने की चतुराई ग्रामीणों के लिए लगातार दहशत का सबब बनी हुई है.

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