Rajasthan News: राजस्थान के सिरोही जिले में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने मानवता और सेवा की नई मिसाल कायम की है. 20 साल पहले अपने परिवार से बिछड़े बाबूभाई रावत को आखिरकार उनके परिजनों से मिला दिया गया. इस भावनात्मक पुनर्मिलन ने न सिर्फ परिवार की आंखें नम कर दी, बल्कि हर किसी के दिल को छू लिया.
20 साल की तलाश का अंत
गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले के नानी मजेटी गांव के रहने वाले बाबूभाई रावत करीब दो दशक पहले अपने घर से लापता हो गए थे. परिजनों ने उन्हें हर जगह ढूंढा, मगर कोई सुराग नहीं मिला. निराश होकर परिवार ने उनकी मृत्यु मानकर अंतिम संस्कार तक कर दिया था. लेकिन नियति को कुछ और मंजूर था.
मानव सेवा आश्रम की पहल
दो महीने पहले बाबूभाई आबूरोड के आकार भट्टा इलाके में झाड़ियों के बीच अंधी हालत में मिले. सिरोही के सरूपगंज मानव सेवा आश्रम ने उन्हें न सिर्फ आश्रय दिया, बल्कि आबूरोड के ग्लोबल अस्पताल में उनकी आंखों का इलाज भी करवाया. आश्रम के कार्यकर्ता जिगर रावल ने सोशल मीडिया का सहारा लिया और बाबूभाई की तस्वीरें साझा कर उनके परिवार को खोज निकाला.
परिवार को आंखों में आए आंशु
रविवार रात 11 बजे बाबूभाई के परिजन सरूपगंज पहुंचे. जैसे ही बाबूभाई अपने परिवार से मिले, सभी की आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़े. यह पल इतना भावुक था कि वहां मौजूद हर शख्स की आंखें नम हो गईं. परिवार उन्हें अपने साथ घर ले गया. यह घटना समाज के लिए एक प्रेरणा है. मानव सेवा आश्रम और जिगर रावल की मेहनत ने साबित कर दिया कि सच्ची सेवा और दृढ़ इच्छाशक्ति से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है.
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