SOG ने किया डमी अभ्यर्थी गिरोह का भंडाफोड़, 3 सगे भाई फर्जी तरीके से लगे नौकरी

राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं में धांधली को लेकर एसओजी ने 10,000 रुपये के इनामी अपराधी सहित चार को गिरफ्तार किया. इस गिरोह ने डमी अभ्यर्थियों के जरिए पटवारी, उप निरीक्षक और एलडीसी परीक्षाओं में धोखाधड़ी की थी. 

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SOG द्वारा गिरफ्तार किए गए चारों आरोपी.

Rajasthan News: राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं में धांधली करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है. जिसमें विशेष कार्य बल (एसओजी) ने पटवारी, उप निरीक्षक और एलडीसी भर्ती परीक्षाओं में डमी अभ्यर्थी बैठाने वाले मामले में 10,000 रुपये के ईनामी अपराधी दिनेश कुमार मीणा सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है.

डमी अभ्यर्थी बैठाकर पास करवाया

एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक वी.के. सिंह ने बताया कि दिनेश कुमार मीणा अपने भाई मनीष मीणा, दीपक मीणा और मामा महेश मीणा के साथ मिलकर तीन भर्ती परीक्षाओं में छह डमी अभ्यर्थी बैठाने में शामिल था. इनमें उप निरीक्षक भर्ती, पटवारी भर्ती 2021 और एलडीसी भर्ती 2021 शामिल हैं. मुख्य डमी अभ्यर्थी रोशन लाल मीणा ने इन सभी परीक्षाओं में दूसरों की जगह परीक्षा दी. रोशन लाल पहले ही गिरफ्तार होकर जेल में है.

चयनित अभ्यर्थी बर्खास्त

इस गिरोह ने न केवल लिखित परीक्षा में धांधली की, बल्कि उप निरीक्षक भर्ती में साक्षात्कार तक डमी अभ्यर्थी से दिलवाया. मनीष मीणा, जो इस गिरोह का सरगना है, 2020 से इंटेलीजेंस विभाग में उप निरीक्षक के पद पर कार्यरत था, लेकिन अब उसे बर्खास्त कर दिया गया है. इसी तरह सागर मीणा को भी पटवारी पद से हटा दिया गया. दिनेश और महेश मीणा वाणिज्यिक कर विभाग, दौसा में कनिष्ठ लिपिक के पद पर थे.

फरार अभियुक्तों पर इनाम

मनीष मीणा और सागर मीणा अभी फरार हैं. मनीष पर 25,000 रुपये का इनाम घोषित है. दोनों को न्यायालय ने उद्घोषित अपराधी घोषित किया है और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हैं. एसओजी इनकी तलाश में जुटी है.

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सहयोगियों ने दी शरण

दिनेश और मनीष को फरारी के दौरान अजय कुमार मीणा, महेंद्र कुमार मीणा और शुभम फलोदिया ने सहयोग दिया. अजय ने अपने घर पर शरण दी, जबकि महेंद्र और शुभम ने किराए के मकान और आर्थिक मदद मुहैया कराई. ये तीनों भी अब गिरफ्तार हो चुके हैं. आरोपियों ने जाली आधार कार्ड और फर्जी नंबर प्लेट वाली स्कॉर्पियो गाड़ी का इस्तेमाल कर अपनी पहचान छिपाई.

आगे की कार्रवाई

एसओजी की यह कार्रवाई भर्ती परीक्षाओं में धांधली रोकने की दिशा में बड़ा कदम है. गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ जारी है और फरार अभियुक्तों की तलाश तेज कर दी गई है.

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