Rajasthan News: उदयपुर नगर निगम के 272 प्लॉटों के बेशकीमती घोटाले मामले में एसओजी द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है. इस बहुचर्चित घोटाले में अब एसओजी ने पांचवें आरोपी को गिरफ्तार किया है. जानकारी के मुताबिक, मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के रहने वाले राजदीप वाल्मीकि की इस बड़े भूखंड घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तारी हुई है. राजदीप फिलहाल उदयपुर के मल्लतलाई में रह रहा है. आरोपी शहर के सेक्टर 11 स्थित 747 नंबर के प्लॉट के यूआईटी के आवंटन पत्र और कार्यालय टिप्पणी के फर्जी दस्तावेज बनाए.
राजेंद्र धाकड़ को बेचा प्लॉट
फिर प्लॉट को अपनी मां गीता देवी के नाम कर दिया. यहीं नहीं प्लॉट के पावर एटॉर्नी खुद के नाम बनाई बनाई और राजेन्द्र धाकड़ को बेच दिया. एसओजी ने इसी मामले में गुजरात निवासी राकेश सोलंकी, उदयपुर निवासी दीपक सिंह, उदयपुर के ही राजेंद्र धाकड़ और किशनलाल नामक आरोपियों को भी गिरफ्तार किया था.
दरअसल मामला यह है कि वर्ष 2012 में उदयपुर नगर विकास प्रन्यास ने नगर निगम को कॉलोनियां हस्तांतरित की थी. ऑक्शन हुआ था जिसमें लोगों ने प्लॉट खरीदे, लेकिन कुछ प्लॉट ऐसे थे जिनका ऑक्शन नहीं हुआ और खाली पड़े रह गए. इसमें अधिकांश प्लॉट कॉर्नर के थे.
अब तक पांच आरोपियों की गिरफ्तारी
नगर निगम द्वारा देखरेख नहीं हो पाने से लोगों ने कब्जा करना शुरू कर दिया, जिनकी कीमत करोड़ों में है. 2022 में कांग्रेस पार्षद अजय पोरवाल ने इस मुद्दे को उठाया था. जांच के बाद 48 पट्टों को निगम ने निरस्त कर दिया. एसओजी एएसपी स्वाति शर्मा ने बताया कि 7 नवंबर से लेकर अब तक 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. घोटाले की जांच अब तक 43 प्लॉट के आसपास ही चल रहा है. आगे और भी जांच में तथ्य सामने आ सकते हैं.
यह भी पढ़ें-
मदन दिलावर को पलटू राम बताने वाले शिक्षक की निलंबन के खिलाफ याचिका खारिज, अब नौकरी पर खतरा!