कांवड़ यात्रा से पहले राजस्‍थान के गृह राज्य मंत्री का बड़ा बयान, बोले- 'कुछ लोग माहौल खराब करना चाह रहे हैं'

इस साल कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से शुरू होगी और 30 दिन तक चलेगी. राजस्थान के गृह राज्य मंत्री का कहना है कि कांवड़ यात्रियों को पूरी सुरक्षा प्रदान की जाएगी.

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जवाहर सिंह बेढम ने जयपुर में कांवड़ यात्रा को लेकर बड़ा बयान दिया है. (फाइल फोटो)

Rajasthan News: राजस्थान के गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम (Jawahar Singh Bedham) ने गुरुवार को जयपुर (Jaipur) में मीडिया से बातचीत करते हुए कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2025) से पहले बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि कुछ लोग माहौल खराब करना चाहते हैं, लेकिन सरकार ऐसे लोगों को चिन्हित करके उनके खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है. कांवड़ यात्रियों को पूरी सुरक्षा प्रदान की जाएगी.

11 जुलाई से शुरू होगी कांवड़ यात्रा

कांवड़ यात्रा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें श्रद्धालु नदी का जल भरकर शिव मंदिर या शिवालय तक पहुंचते हैं और शिवलिंग का अभिषेक करते हैं. इस साल कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से शुरू होगी और 30 दिन तक चलेगी. गृह राज्य मंत्री ने कहा, 'मुख्यमंत्री ने स्थायी निर्देश जारी किए हैं कि जहां भी कोई धार्मिक आयोजन या जुलूस हो, चाहे उसमें संत हों या अन्य, हमारी पुलिस सुरक्षा और कानून प्रवर्तन सुनिश्चित करने के लिए एक कार्य योजना तैयार करती है. राजस्थान में यह परंपरा है कि जब कांवड़ यात्री आते हैं, तो उनके टेंट, आवास, भोजन, पानी और ठंडे पेयजल की व्यवस्था की जाती है.'

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'कांग्रेस के समय प्रदेश में जंगलराज था'

जवाहर सिंह बेढम ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार के समय राजस्थान में जंगल राज जैसी स्थिति थी. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के दौरान राजस्थान में शांति बहाल हुई है और कानून का राज्य स्थापित हुआ है. भाजपा सरकार के दौरान जनता अमन चैन की जिंदगी जी रही है. महिलाओं के खिलाफ अपराधों में भारी कमी आई है. राजस्‍थान सरकार के काम से आम जनता पूरी तरह से संतुष्‍ट नजर आ रही है. सरकार ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है और मादक पदार्थों की तस्करी पर भी लगाम लगाई है. सरकार का संकल्प है कि अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह कितना भी रसूखदार हो.

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कांवड़ यात्रा की शुरुआत कैसे हुई?

कांवड़ यात्रा 4 तरह की होती है. सामान्य कांवड़ यात्रा, खड़ी कांवड़ यात्रा, दांडी कांवड़ यात्रा और डाक कांवड़ यात्रा. यात्रा के दौरान श्रद्धालु हरिद्वार, ऋषिकेश, गोमुख, सुल्तानगंज जैसे पवित्र स्थानों से नदी का जल भरकर कई किलोमीटर की लंबी दूरी नंगे पैर तय करके गंतव्य स्थान (शिव मंदिर या शिवालय) तक पहुंचकर इस मिश्रित जल से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं. ऐसी मान्यता है इससे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है. माना जाता है कि सबसे पहले कांवड़ यात्रा की शुरुआत शिवजी के भक्त भगवान परशुराम ने की थी. तब से ही यह परंपरा चली आ रही है. मासिक शिवरात्रि कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. ऐसे में इस तिथि की शुरुआत 23 जुलाई को सुबह 04 बजकर 39 मिनट से होगी और समापन 24 जुलाई को देर रात 02 बजकर 28 मिनट पर होगी. ऐसे में सावन शिवरात्रि का पर्व 23 जुलाई को मनाया जाएगा. 

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