वीरों की भूमि शेखावाटी में शहीदों की वीरांगनाएं भी रखती हैं करवा चौथ व्रत

करवा चौथ के अवसर पर शहीद वीरांगनाओं का कहना है कि उनके पति देश पर मर मिटे हैं इसलिए अजर-अमर है. इनका मानना है कि उनका सुहाग भले ही अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन वह आज भी उनकी याद में करवा चौथ का व्रत रखती है और अपने पति को देवता के रूप में पूजती हैं.

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शहीद पति फोटो देखकर करवा चौथ का व्रत शहीद वीरांगनाएं
सीकर:

पूरे देश में आज करवा चौथ की थूम है. करवा चौथ पर सुहागनें अपनी सुहाग की सलामती के लिए निर्जला व्रत रखती है. यह त्यौहार आज देश व प्रदेश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. वहीं, शहीद और वीरों की भूमि राजस्थान के शेखावाटी में भी करवा चौथ का व्रत सुहागिनों के साथ शहीद वीरांगनाएं भी रखती है. शहीदों की वीरांगनाएं सुहागन महिलाओं की तरह करवा चौथ पर अपनी शहीद पति के लिए व्रत रखती है और उनकी तस्वीर देखकर बाकी की सभी रस्में निभाती है.

शहीद वीरांगनाओं का कहना है कि उनके पति देश पर मर मिटे हैं इसलिए अजर-अमर है. इनका मानना है कि उनका सुहाग भले ही अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन वह आज भी उनकी याद में करवा चौथ का व्रत रखती है और अपने पति को देवता के रूप में पूजती हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक शहीदों की वीरांगनाएं सुहागन महिलाओं की तरह करवा चौथ पर अपनी शहीद पति के लिए व्रत रखती है और उनकी तस्वीर देखकर बाकी की सभी रस्में निभाती है. ईश्वर से अपने पति की सुख शांति और अगले जन्म के लिए भी उन्हें ही पति के रूप में मांगती है.

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24 साल से ऐसे ही मना रहीं करवा चौथ का व्रत

शहीद वीरांगना संतोष देवी पिछले करीब 24 वर्षों से करवा चौथ का वर्ष कर रही है. सीकर जिले की लक्ष्मणगढ़ तहसील के सिगडोला छोटा के कारगिल शहीद बनवारी लाल बगड़िया की शहीद वीरांगना संतोष देवी ने बताया कि उनके पति 15 मई 1999 को कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे. पति के शहीद होने के बाद से ही लगातार करवा चौथ सहित सभी धार्मिक पर्व एक सुहागिन की तरह ही मनाती आ रही हैं.

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'मेरे पति देश की रक्षा के लिए शहीद हुए इसलिए वह अजर अमर है. हर वर्ष करवा चौथ पर शहीद पति बनवारी लाल बगड़िया की पेंशन से करवा चौथ पर नई पोशाक गिफ्ट के तौर पर खरीद कर पहनती हूं और उनकी तस्वीर की पूजा-अर्चना कर देश के सीमा पर तैनात जवानों की सुरक्षा एवं पति की आत्मा की सुख शांति की  कामना करती हूं'      - संतोष देवी

गौरतलब है पारंपरिक रूप से हिंदू घरों की शादीशुदा महिलाएं ही करवा चौथ का निर्जला व्रत रखती है, लेकिन देश के कुछ हिस्सों में अब शादी से पहले यह व्रत रखने की परंपरा बढ़ी है. इस व्रत के दौरान शादीशुदा महिलाएं चांद निकलने के बाद पूजा करने के बाद अपना व्रत तोड़ती हैं. 

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