Rajasthan- राजस्थान के जनजाति क्षेत्र के बांसवाड़ा और डूंगरपुर के छात्र हिंदी के साथ- साथ अब अंग्रेजी और वागड़ी में भी पढ़ेंगे. आम बोल चाल की बोली को राजस्थान सरकार ने केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शामिल करते हुए प्रदेश की पहली स्थानीय बोली वागड़ी का शब्दकोश तैयार कराया है.
775 शब्दों को से तैयार हुआ है ये शब्दकोष
यह शब्दकोष राजस्थान शैक्षिक अनुसंधान संस्थान और प्रशिक्षण परिषद के सहयोग से बांसवाड़ा जिला शिक्षा प्रशिक्षण केंद्र गढ़ी के अंतर्गत हिंदी, अंग्रेजी और वागड़ी में तैयार किया गया है. जिसमें डाइट के प्रिंसिपल शैलेंद्र भट्ट, वरिष्ठ व्याख्याता आलोक भट्ट सहित हिंदी, अंग्रेजी और वागड़ी बोली के जानकार शिक्षकों, साहित्यकारों और शिक्षाविदों ने इसमें सहयोग किया है. साथ ही इसे जल्द ही प्रारंभिक शिक्षा से जोड़ा भी जाएगा. शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार बांसवाड़ा के शिक्षाविदों और शिक्षकों ने वागड़ी बोली का शब्दकोश तैयार कर लिया है, जिसमें 775 शब्दों को हिंदी, अंग्रेजी और वागड़ी में लिखा गया है.
करीब 24 से अधिक बोलियों के शब्दों को लिया है गया
नई शिक्षा नीति के अनुरूप वागड़ी के अलावा हाड़ौती, शेखावाटी, मेवाड़ी, ढूंढाड़ी, गवारिया, मारवाड़ी, खैराड़ी, सांसी, बंजारा, मोटवाड़ी, देवड़ावाटी और थली के शब्दों को भी पाठ्यक्रम में जोड़ने का प्रयास चल रहा है. नई शिक्षा नीति में साफ है कि प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय भाषा में पढ़ाई जाए. ऐसे में स्थानीय भाषाओं का शब्दकोश सभी जगह बनाया जा रहा है. इस शब्दकोश का प्रयोग किताबें लिखने में किया जाएगा, जिसे बच्चें पढ़ेंगे. इसके जरिए सरकार की कोशिश है कि इसे जल्दी से लागू किया जाए. बात दें कि भारत सरकार नई शिक्षा नीति 2020 लेकर आई थी. तीन साल बीत जाने के बाद भी अभी तक राजस्थान में स्थानीय भाषा लागू नहीं हो पाई है.