बूंदी में बिजली के लिए चल रहा मंत्री का धरना खत्म, अधिकारी पर गिरी गाज, दिए जाएंगे 100 ट्रांसफार्मर

बूंदी में राजस्थान सरकार के खेल मंत्री अशोक चांदना बिजली की समस्या को लेकर धरने पर बैठ गए. उनके धरने से तुरंत सरकार भी हरकत में आई. उर्जा मंत्री ने तत्काल पहल करते हुए समस्या के निदान का आश्वासन दिया. जिसके बाद धरना समाप्त हुआ.

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बूंदी में बिजली के लिए चल रहा राजस्थान के खेल मंत्री अशोक चांदना का धरना समाप्त हो गया है. मंत्री के धरने पर बैठने से यहां की बिजली समस्या पर तुरंत सुनवाई हुई. आनन-फानन में बूंदी के अधीक्षण अभियंता जगदीश प्रसाद को एपीओ किया गया. मंत्री ने उक्त अधिकारी पर लापरवाही के आरोप लगाए थे. एपीओ के दौरान अधिकारी को जयपुर डिस्कॉम में भेजा गया है. साथ ही मंत्री के साथ धरना दे रहे लोगों के संबंधित इलाकों में 100 ट्रांसफॉर्मर तत्काल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए. इसके बाद मंत्री का धरना समाप्त हुआ. बता दें कि मंत्री पिछले करीब 3 घंटे से धरना दे रहे थे.

दरअसल शुक्रवार को राजस्थान सरकार के खेल मंत्री अशोक चांदना हिंडोली नेनवा विधानसभा में किसानों को हो रही बिजली संबंधित समस्याओं को लेकर बूंदी जिला कलेक्ट्रेट पर अपने समर्थकों के साथ पहुंचे. पहले उन्होंने जनसुनवाई में लोगों से उनकी समस्याएं सुनी. फिर अधिकारियों को हड़काया और उसके बाद समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए.

हालांकि उन्होंने कहा कि वो सरकार के खिलाफ नहीं बल्कि अधिकारियों के खिलाफ हैं. ये धरना किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए हैं. धरने के दौरान खेल मंत्री से ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने फोन पर बातचीत की. अधिकारी को एपीओ करने और 100 ट्रांसफॉर्मर देने की बात कही. जिसके बाद खेल मंत्री का धरना समाप्त हुआ.
 

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बूंदी में बिजली को लेकर समर्थकों के साथ कलेक्ट्रेट में धरना देते मंत्री अशोक चांदना.


अधिकारियों से बातचीत के दौरान भड़क गए थे मंत्री 

विद्युत विभाग के अधिकारियों से मंत्री ने वार्ता की, ट्रांसफार्मर की कमी को जल्द पूरा नहीं करने को लेकर चांदना अधिकारियों पर भड़क उठे और कहा कि जब तक ट्रांसफार्मर उपलब्ध नहीं करवाए जाएंगे तब तक मैं धरने पर बैठूंगा. जिला सभागार से खेल मंत्री ने धरने पर बैठने का आव्हान कर दिया और मीटिंग छोड़ नारेबाजी करते हुए समर्थकों के साथ कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठ गए. मंत्री चांदना के साथ भारी संख्या में समर्थक मौजूद रहे.

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सरकार किसानों को बेहतर सुविधाएं मुहैया करवा रही है, लेकिन निचले अधिकारी उन योजनाओं की मिट्टी पलित करने में लगे हुए हैं. ट्रांसफार्मर उपलब्ध होने के बावजूद भी आखिर ट्रांसफार्मर कहां चले गए. इसका जवाब अधिकारियों ने नहीं दिया तो मैं धरने पर बैठा हूं और जब तक मेरी मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक मैं धरने पर बैठा रहूंगा.

अशोक चांदना

खेल मंत्री,राजस्थान सरकार


अंधेरे में 20 मिनट तक मंत्री ने की जनसुनवाई
इससे पूर्व जिला प्रशासन व विद्युत विभाग के आश्वासन के बाद मंत्री ने किसानों को जनसुनवाई के माध्यम से कलेक्ट्रेट में बुलवाया और जिला सभागार में खेल मंत्री अशोक चांदना किसानों को एक-एक बुलाकर विद्युत समस्या का निराकरण किया. मंत्री बैठक में पहुचें तो वहां पर भी बिजली नहीं थी और अंधेरे में ही मंत्री ने 20 मिनट तक जनसुनवाई कर अधिकारियों को फटकारा. खेल मंत्री अशोक चांदना के अल्टीमेटम को लेकर जिला प्रशासन सर्तक हो गया है. करीब आधा दर्जन थानों की पुलिस कलेक्ट्रेट में मौजूद हैं और किसानों को एक-एक कर सभागार में भेज रही हैं. 

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देर शाम मंत्री अशोक चांदना ने एक वीडियो जारी कर आह्वान किया था कि जिस भी किसान के ट्रांसफार्मर संबंधित समस्याएं हैं वह शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट पर अपनी समस्याएं लेकर पहुंचे उनकी समस्याओं का निराकरण करवाया जाएगा.

अपने बयान और विवादों के कारण चर्चा में रहते हैं मंत्री

खेल मंत्री अशोक चांदना के आश्वासन के बाद नहरी पानी की मांग को लेकर किसानों ने आंदोलन टाल दिया था. गौरतलब है. खेल मंत्री अशोक चांदना इससे पूर्व भी अपने बयानों और ट्वीट के जरिए सुर्खियों में रहे हैं. पूर्व में प्रमुख शासन सचिव कुलदीप राका के विवाद वाले मामले में मंत्री ने जलालत भरे पद से मुक्त करने की बात कही थी. साथ में अजमेर जूता कांड में अभी बयान सुर्खियों में रहा था. लेकिन अब राजस्थान में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं ऐसे में खेल मंत्री अशोक चांदना के इस एक्शन ने फिर से उन्हें सुर्खियों में ला दिया है.

बूंदी में बिजली की कमी से किसान हैं परेशान

अशोक चांदना हिंडोली नेनवा विधानसभा से दूसरी बार विधायक बनकर आए हैं और  राजस्थान सरकार में खेल मंत्री हैं. इन दिनों बूंदी में दो महीना से बरसात नहीं होने के चलते धान, उड़द, मूंग, सोयाबीन सहित कई फसले बर्बाद होने की कगार पर है.

किसानों का आरोप है कि बिजली विभाग के अधिकारी मनमानी कर रहे हैं और उन्हें ट्रांसफार्मर उपलब्ध नहीं करवा रहे हैं. वहीं बूंदी जिले के खटकड़ इलाके के किसान भी नहरी पानी नहीं छोड़े जाने को लेकर आंदोलन की चेतावनी दे चुके हैं.

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