विमान क्रैश वाली जगह पहुंचे शहीद पायलट के परिजन, बेटे की वर्दी का टुकड़ा देख पिता हुए भावुक

शहीद हुए स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्रसिंह सिंधु के परिजन घटना स्थल पर पहुंचे और मिट्टी को छूकर नमन किया. इस दौरान शहीद के पिता को बेटे की वर्दी का एक टुकड़ा मिला, जिस पर स्क्वाड्रन लीडर का नाम लिखा था, जिसे देखकर परिजन भावुक हो गए.

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शहीद स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्र के परिजन

Rajasthan News: चूरू के रतनगढ़ तहसील के गांव भानूदा में 9 जुलाई को प्लेन क्रैश में शहीद हुए स्क्वाड्रन लीडर लोकेंद्रसिंह सिंधु के परिजन रविवार को घटना स्थल पर पहुंचे. परिजन वहां की मिट्टी को छू-कर भावुक हो गए. इस दौरान शहीद के पिता को बेटे की वर्दी का एक टुकड़ा भी मिला, जिस पर स्क्वाड्रन लीडर का नाम भी लिखा था, जिसे देखकर परिजनों की आंखें नम हो गई.

बेटे के वर्दी का टुकड़ा देख भावुक हुए पिता

शहीद के पिता जोगिंदरसिंह नम आंखों से बेटे को याद कर रहे थे, तो इसी दौरान वर्दी के एक टुकड़े पर नजर गई, जिसे उठाकर देखा, तो लोकेंद्रसिंह का नाम अंकित मिला. बेटे का नाम देखकर सभी परिजन रुआंसा हो गए और उपस्थित ग्रामीणों की भी आंखें भी छलक आई. पिता की आंखों में बेटे की विदाई का गम जरूर था, लेकिन वर्दी का टुकड़ा मिलने के बाद सर फ़क्र से ऊंचा हो गया.

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परिजनों ने शहीद की प्रतिमा लगवाने की मांग की

परिजन घटना स्थल की मिट्टी को अपने साथ भी ले गए. ग्रामीण विजयपाल ने परिजनों से शहीदों की प्रतिमाएं घटना स्थल पर लगाकर शहीद स्मारक बनवाने की मांग भी की, जिस पर परिजनों ने इस संबंध में सरकार एवं उच्चाधिकारियों से वार्ता करने का आश्वासन दिया.

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9 जुलाई को तकनीकी खराबी आ जाने की वजह से तहसील के गांव भानुदा की रोही में जैगुआर फाइटर प्लेन क्रैश हो गया था, जिसमें सवार स्क्वाड्रन लीडर 32 वर्षीय लोकेंद्रसिंह सिंधु निवासी रोहतक हरियाणा और फ्लाइट लेफ्टिनेट 24 वर्षीय ऋषिराजसिंह निवासी पाउटा जोधपुर शहीद हो गए थे.

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मिट्टी छूकर भावुक हुए परिजन

ग्रामीण विजयपाल भुवाल ने बताया कि स्क्वाड्रन लीडर लोकेन्द्रसिंह सिंधु के पिता जोगिंदरसिंह, माता अनिता देवी, चाचा जितेंद्रसिंह, बड़ा भाई ज्ञानेंद्रसिंह, भाभी सोनिका सिंह, भतीजी काशवी सिंधु, जीजा विंग कमांडर नवजीत, बहिन सेवानिवृत्त स्क्वाड्रन लीडर अंजलि, भांजा अगसत्या सिंह, अनंजय सिंह, मित्र हरीश भार्गव शनिवार की रात हरियाणा से गांव भानुदा आए और रविवार की सुबह घटना स्थल पर पहुंचे. इस दौरान परिजनों की आंखें नम थी. घटना स्थल को देखकर सभी परिजन भावुक हो गए और मिट्टी को छूकर शहीद को नमन किया और गंगाजल छिड़का.

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