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सर्वदलीय बैठक में बेनीवाल ने उठाया पेपर लीक का मुद्दा, कहा- राजस्थान ही नहीं देशभर के युवा पेपर माफियाओं से हैं परेशान

संसद के मानसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी हिस्सा लिया. इस दौरान उन्होंने पेपर लीक, सांसद कोष बढ़ाने से लेकर आपदा से पीड़ितों के मुआवजे को बढ़ाने जैसे कई मुद्दों पर अपनी बात रखी.

सर्वदलीय बैठक में बेनीवाल ने उठाया पेपर लीक का मुद्दा, कहा- राजस्थान ही नहीं देशभर के युवा पेपर माफियाओं से हैं परेशान
सर्वदलीय बैठक

Rajasthan News: राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमों और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने रविवार को दिल्ली में मानसून सत्र से पहले आयोजित सर्वदलीय बैठक में भाग लिया. सांसद ने बैठक में चुनाव से पहले पेपर लीक से जुड़े मामलों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा किए गए वादे को याद दिलाते हुए कहा कि आज न केवल राजस्थान बल्कि देशभर में पेपर माफियाओं से मेहनतकश युवा आहत है. इसलिए सदन में इस पर सरकार को विशेष चर्चा करवाई जानी चाहिए.

बेनीवाल ने सांसद कोष बढ़ाने की कही बात

बेनीवाल ने बैठक में राजस्थान पुलिस की एसआई भर्ती को रद्द करने और राजस्थान लोक सेवा आयोग के पुनर्गठन की बात को भी रखा. उन्होंने कहा कि सांसद कोष बढ़ाया जाए, छोटे दलों को ज्यादा मौका मिले. सांसद हनुमान बेनीवाल ने एमपी लैड को पांच करोड़ से बढ़ाकर 25 करोड़ करने व संसद सत्र में एक या दो सदस्यों वाली छोटी पार्टियों को भी प्रत्येक विधेयक पर बोलने व बीएसी जैसी कमेटी में सदस्य बनाना की मांग रखी.

ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करवाने की रखी मांग

साथ ही केंद्रीय विद्यालयों में सांसदों का कोटा बहाल करने की मांग रखी. इन मुद्दों पर भी रखी बात सांसद हनुमान बेनीवाल ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि हर वर्ष देश में मानसून के समय अतिवृष्टि के कारण जन-जीवन प्रभावित होता है. ऐसे में आपदा प्रबंधन के तौर तरीकों में आधुनिकता लाई जाए और अतिवृष्टि , बाढ़ के जल को बांध बनाकर उस क्षेत्र में ही उपयोग लेने की नीति बनाने और पहलगांव हमले के बाद किए गए ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा कराने की मांग रखी.

साथ ही सांसद ने कहा पाकिस्तान के साथ जो सिंधु जल समझौता जो निरस्त किया है ,उस सिंधु और चिनाब के जल को राजस्थान, विशेषकर पश्चिमी राजस्थान में लाने की योजना बनाई जाए.

एक सप्ताह में दिया जाए जवाब

सांसद ने कहा कि सरकार को सदन में किसी भी सदस्य द्वारा शून्य काल और नियम 377 के अंतर्गत उठाए गए मामले का जवाब एक सप्ताह में सदस्य को संबंधित मंत्रालय से दिलवाया जाए. साथ ही शून्य काल में उठाए गए विषय का संबंधित मंत्री तत्काल जवाब दे, ऐसी व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए.

सांसद ने कहा कि देश के सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों की स्थिति,उनमें संसाधन और स्टाफ की कमी जैसे महत्वपूर्ण मामले पर सदन में अलग से चर्चा होनी चाहिए. साथ ही अहमदाबाद में हुए विमान हादसे ने हमें झकझोर दिया.

आपदा में मरने वालों की आर्थिक सहायता बढ़ाने की मांग

हादसे के बाद डीजीसीए की ऐसी कई रिपोर्ट मीडिया में आई जो चिंताजनक है. इसलिए देश के हवाई अड्डों की सुरक्षा, तकनीकी और खामियों पर एविएशन सेक्टर में कमियों पर एक दिन की विशेष चर्चा करवाई जाए और आपदा प्रबंधन में किसी भी आपदा में मरने वाले व्यक्ति, पशुधन को लेकर आर्थिक सहायता का प्रावधान बहुत कम है. देश में आपदा प्रबंधन की वर्तमान स्थिति और उनमें हो सकने वाले व्यापक सुधार पर भी सदन में विशेष चर्चा करवाई जानी चाहिए.

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