श्रीगंगानगर में 100 से ज्यादा गायों की मौत का मामला, गौशाला अध्यक्ष का इस्तीफा, टीकाराम जूली ने उठाए सवाल

Sri ganganagar news: बुरी तरह सड़ चुके शवों को देखकर लगता है कि पिछले कई दिनों से मौतें हो रही थीं. मामला सामने आने के बाद बड़े-बड़े खड्डे खोदे गए हैं, जिनमें भारी संख्या में मृत गोवंश दबे हुए हैं.

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Cows died in Raisinghnagar: श्रीगंगानगर में रायसिंहनगर क्षेत्र के भोमपुरा गौशाला में भारी संख्या में गोवंश की मौत का मामला गरमा गया है. ग्रामीणों के बीच चर्चा है कि पिछले कुछ दिनों में ही कम से कम 100 गायों की मौत हुई है. देर शाम अंधेरा होने के कारण स्थिति का सही आंकलन करना मुश्किल हो रहा था. मौके पर पुलिस बल तैनात है और प्रशासन जांच में जुटा है. समेजा कोठी थाना क्षेत्र में स्थित इस गौशाला को करीब 11 वर्ष पूर्व जनसहयोग से स्थापित किया गया था. लेकिन गौशाला प्रबंधन की कथित लापरवाही के चलते लगातार गौवंश की मौतों से ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया है. घटना सामने आने के बाद गौशाला के अध्यक्ष पालाराम बिश्नोई को इस्तीफा देना पड़ा. इसके बावजूद ग्रामीणों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है और वे पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं.

खड्डों में दबाए गए शव 

गोवंश की मौतों का खुलासा होने के बाद स्थिति गंभीर हो गई. इसके बाद बड़े-बड़े खड्डे खोदे गए हैं, जिनमें भारी संख्या में मृत गोवंश दबे हुए हैं. कई शव सड़-गल चुके हैं, जिससे यह साफ है कि मौतें पिछले कई दिनों से हो रही थीं. सूत्रों के अनुसार, रोजाना 2 से 3 गायों की मौत हो रही थी और शवों को खड्डों में डालकर ऊपर से मिट्टी डाल दी जाती थी.

घटनास्थल पर पहुंचे अधिकारी 

सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे. अनूपगढ़ से अतिरिक्त जिला कलेक्टर भी घटनास्थल पर पहुंचे. एसडीएम सुभाष चौधरी ने बताया कि फिलहाल गौशाला की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत के सरपंच को सौंप दी गई है. हालांकि ग्रामीणों का कहना है कि गौशाला में प्रबंधन की लापरवाही के कारण कितनी गायों की मौत हुई, इसकी निष्पक्ष जांच जरूरी है.

2014 में जनसहयोग से हुई थी शुरुआत

जानकारी के मुताबिक, यह गौशाला वर्ष 2014 में 2 ग्राम पंचायतों के लोगों द्वारा आपसी सहयोग से सरकारी भूमि पर स्थापित की गई थी. शुरुआत में इसका संचालन सुचारू रूप से चल रहा था, लेकिन करीब 2 साल बाद इसका प्रबंधन रायसिंहनगर निवासी पालाराम बिश्नोई को सौंप दिया गया. शुरुआती समय में व्यवस्था ठीक रही, लेकिन धीरे-धीरे अनियमितताएं सामने आने लगीं.

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इस वजह से हुई मौतें

गौशाला में भारी गंदगी फैली हुई है, सूखे और हरे चारे की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है. कड़ाके की सर्दी में गोवंश को ठंड से बचाने के लिए भी कोई इंतजाम नहीं किया गया था. इसी लापरवाही के चलते रोजाना गोवंश की मौत हो रही थी.

कांग्रेस ने बनाया राजनीतिक मुद्दा

इस घटना ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है. श्रीकरणपुर से कांग्रेस विधायक एवं जिलाध्यक्ष रूपेंद्र सिंह रूबी समेत कई कांग्रेसी नेता भोमपुरा पहुंचकर गौशाला की वास्तविक स्थिति की जांच करेंगे. वहीं, विपक्षी नेता टीकाराम जूली ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर भारतीय जनता पार्टी सरकार पर गोवंश संरक्षण के नाम पर राजनीति करने के आरोप लगाए हैं.

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