स्कूल में बच्चों को सांता क्लॉज बनने के दबाव पर होगा एक्शन, क्रिसमस डे पर शिक्षा विभाग का आदेश

शिक्षा विभाग का कहना है कि किसी भी स्कूल द्वारा बच्चों या उनके अभिभावकों पर सांता क्लॉज बनने या उससे जुड़ी गतिविधियों के लिए दबाव बनाना गलत है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
स्कूल में बच्चों को सांता क्लॉज बनने के दबाव पर होगा एक्शन
PTI

Rajasthan News: देश दुनियाभर में क्रिसमस डे सेलिब्रेशन की बड़े जोर शोर से तैयारी चल रही है. बाजार से लेकर ऑफिस तक हर जगह क्रिसमस की सजावट की गई है. इस बीच राजस्थान से एक आदेश सामने आया है, जिसमें स्कूल में क्रिसमस डे के मौके पर बच्चों को जबरदस्ती सांता क्लॉज बनाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है. एक सरकारी पत्र में साफ कहा गया कि किसी भी अभिभावक या बच्चों को सांता क्लॉज बनाने का अनावश्यक दबाव न बनाया जाए. 

सांता क्लॉज बनने का दबाव बनाना गलत

दरअसल, श्रीगंगानगर में जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक, कार्यालय की ओर से एक पत्र में कहा गया है कि किसी भी स्कूल द्वारा बच्चों या उनके अभिभावकों पर सांता क्लॉज बनने या उससे जुड़ी गतिविधियों के लिए दबाव बनाना गलत है. ऐसी शिकायत मिलने पर संबंधित स्कूल प्रबंधन के खिलाफ नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी. 

अगर किसी स्कूल में अभिभावकों और बच्चों की सहमति से क्रिसमस से जुड़ी गतिविधियां कराई जाती हैं तो विभाग को इस पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन जबरदस्ती या मानसिक दबाव की स्थिति में स्कूल प्रबंधन जिम्मेदार माना जाएगा. 

ADEO अशोक वधवा ने कहा कि 25 दिसंबर को वीर बाल दिवस भी मनाया जाता है, जो साहिबजादों के बलिदान की स्मृति से जुड़ा है. ऐसे में स्कूलों को कार्यक्रमों में संतुलन और संवेदनशीलता बनाए रखनी चाहिए. किसी भी प्रकार की जबरदस्ती से बचना चाहिए.

'विशेष परंपरा का थोपना सही नहीं'

भारत-तिब्बत सहयोग मंच के जिला अध्यक्ष सुखजीत सिंह अटवाल ने कहा कि कुछ स्कूलों में पिछले कुछ वर्षों से क्रिसमस डे के नाम पर बच्चों को जबरन सांता क्लॉज बनाया जा रहा है, जिससे अभिभावकों में नाराजगी देखी जा रही है. उन्होंने कहा कि श्रीगंगानगर जिला सनातन हिंदू और सिख बहुल क्षेत्र है, ऐसे में किसी विशेष परंपरा को थोपना उचित नहीं है.

Advertisement

बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह टीटी ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति भावनात्मक रूप से और अपनी इच्छा से किसी धर्म से जुड़ता है, तो यह उसका निजी अधिकार है, लेकिन यदि किसी पर जबरन किसी धर्म के प्रचार-प्रसार या उससे जुड़ने का दबाव बनाया जाता है, तो यह अनुचित है और इसका विरोध किया जाना चाहिए.

यह भी पढें- प्रचार खर्च की लिमिट.. कितनी गाड़ी की परमिशन? राजस्थान में पंचायत-निकाय चुनाव पर आई अधिसूचना