Rajasthan News: राजस्थान में निर्वाचन आयोग ने पंचायतीराज संस्थाओं और शहरी निकायों के चुनावों में उम्मीदवारों की खर्च सीमा को दोगुना तक बढ़ा दिया है. आयोग ने इस संबंध में अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी की हैं. साथ ही चुनाव प्रचार के दौरान वाहनों के उपयोग और उनके प्रकार पर नई पाबंदियां भी लगाई गई हैं. निर्वाचन आयोग के निर्देश के अनुसार, चुनाव प्रचार में बड़े वाहनों या पशु चालित गाड़ियों का उपयोग नहीं किया जा सकेगा.
प्रचार में किस चीज की मनाही?
उम्मीदवारों को बस, ट्रक, मिनी बस, मेटाडोर, तांगा, ऊंटगाड़ी या बैलगाड़ी जैसे वाहनों से प्रचार करने की मनाही होगी. ऐसा करने पर आयोग द्वारा कार्रवाई की जाएगी. उम्मीदवारों को तय सीमा से अधिक खर्च करने की अनुमति नहीं होगी और चुनाव खर्च का ब्यौरा 15 दिन के भीतर जिला निर्वाचन अधिकारी को देना अनिवार्य होगा. इसके साथ ही चुनाव में प्रचार प्रसार के लिए वाहनों की संख्या को लेकर भी सीमा तय की गई है.

वाहनों की संख्या भी तय
जिला परिषद सदस्य के चुनाव में अधिकतम 3 वाहन उपयोग में ले सकेंगे. पंचायत समिति सदस्य उम्मीदवार 2 वाहन उपयोग कर सकेंगे. वहीं, सरपंच प्रत्याशी केवल 1 वाहन प्रचार में इस्तेमाल कर पाएंगे. इसी तरह शहरी निकायों के लिए नगर निगम पार्षद उम्मीदवार अधिकतम 3 वाहन, नगर परिषद पार्षद उम्मीदवार 2 वाहन, और नगर पालिका पार्षद उम्मीदवार 1 वाहन उपयोग कर सकेंगे.
चुनाव में खर्चा की सीमा बढ़ाई
नए नियमों के मुताबिक, पंचायती राज के चुनाव में सरपंच 1 लाख, पंचायत समिति सदस्य 1.5 लाख, जिला परिषद सदस्य 3 लाख ही खर्च कर पाएंगे. पहले सरपंच 50 हजार, पंचायत समिति सदस्य 75 हजार, जिला परिषद सदस्य केवल 1.5 लाख खर्च कर सकते थे. यानी तीनों ही पद के लिए आयोग ने खर्च की सीमा दोगुनी कर दी है. इसके अलावा शहरी निकाय चुनाव में नगर निगम पार्षद पहले 2.5 लाख खर्च कर सकते थे, वे अब 3.5 लाख खर्च कर सकेंगे.
नगर परिषद पार्षद पहले 1.5 लाख तो अब 2 लाख खर्च कर सकेंगे. नगर पालिका पार्षद पहले 1 लाख रुपए तो अब 2 लाख रुपए खर्च कर पाएंगे. निर्वाचन आयोग ने चुनाव कार्यालयों पर लाउडस्पीकर लगाने पर भी रोक लगाई है. अस्पताल, स्कूल या धार्मिक स्थलों से 100 मीटर की दूरी के भीतर लाउडस्पीकर से प्रचार नहीं किया जा सकेगा. सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक लाउडस्पीकर का उपयोग केवल मजिस्ट्रेट की अनुमति से ही किया जा सकेगा. रैली आयोजित करने से पहले भी मजिस्ट्रेट की मंजूरी अनिवार्य होगी.
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