Rajasthan: पूर्व साइबर थानाधिकारी आसाराम का बेटा निकला ठग! डिजिटल अरेस्ट कर 1.05 करोड़ रुपये वसूले, गिरफ्तार

Rajasthan Cyber Crime News: ठगी के इस मामले में अब तक कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस अब भी केस की जांच में जुटी है और जल्द ही और गिरफ्तारियां होने की संभावना जताई जा रही है.

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी रवि गुर्जर.

Rajasthan News: राजस्थान की श्रीगंगानगर पुलिस ने बुधवार दोपहर डिजिटल अरेस्ट कर 1.05 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है. आरोपी का नाम रवि गुर्जर है, जो जयपुर के सांगानेर स्थित शिव कॉलोनी का निवासी है. दिलचस्प बात यह है कि रवि के पिता आसाराम वर्तमान में चिड़ावा थाने में थानाअधिकारी के पद पर तैनात हैं और इससे पहले वे साइबर थाना में भी सेवाएं दे चुके हैं.

ऐसे हुआ खुलासा

साइबर डीएसपी कुलदीप वालिया के बताया कि सबसे पहले पुलिस टीम ने टेक्निकल रिर्सोसेज का यूज करते हुए ठगी के लिए इस्तेमाल हुए बैंक खातों की पहचान की और फिर जयपुर व भोपाल में छापामारी की. इसी जांच के दौरान रवि गुर्जर का नाम सामने आया, जिसके बैंक खाते में 9.93 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे. पूछताछ में रवि ने स्वीकार किया कि उसे अपने खाते में राशि जमा करवाने के लिए 15,000 रुपये दिए गए थे.

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कैसे और कब हुई थी ठगी

यह ठगी 15 नवंबर 2024 को हुई थी, जब अज्ञात आरोपियों ने चूनावढ़ निवासी एक व्यक्ति को वीडियो कॉल कर खुद को CBI अधिकारी बताया. उन्होंने धमकी दी कि उसके बैंक खाते में अवैध रूप से धनराशि जमा हुई है और दिल्ली में उसके खिलाफ मामला दर्ज है. 7 साल की सजा का डर दिखाकर आरोपियों ने पीड़ित को मानसिक दबाव में लिया और उसे डिजिटल अरेस्ट कर बैंक खाते की पूरी जानकारी ले ली. इसके बाद ठगों ने 1,05,59,960 रुपये अपने बैंक खातों में ट्रांसफर करवा लिए. पीड़ित को आधे घंटे तक इस डिजिटल गिरफ्तारी में रखा गया, जिसके बाद जब उसे ठगी का अहसास हुआ तो उसने अपनी पत्नी को जानकारी दी. पीड़ित की पत्नी ने 16 नवंबर 2024 को साइबर थाना में मामला दर्ज कराया.

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जयपुर-भोपाल में रेड

ठगी की इस घटना के बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए 5 दिसंबर 2024 को जयपुर निवासी मोहित सोनी, अजय प्रजापत और किशनसिंह राजावत को गिरफ्तार किया. इनसे 5 लाख रुपये की रकम वापस पीड़ित के खाते में ट्रांसफर कराई गई. इसके बाद 29 दिसंबर 2024 को पुलिस ने भोपाल में छापेमारी कर पीयूष नायक और ईशान बघेल को गिरफ्तार किया.

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पीयूष नायक है मास्टरमाइंड

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि इस गिरोह का मुख्य संचालक भोपाल निवासी पीयूष नायक था. उसने डिजिटल अरेस्ट की इस योजना को अंजाम देने के लिए एक पूरा नेटवर्क तैयार किया था, जिसमें कई बैंक खाते और फर्जी दस्तावेजों का उपयोग किया गया था.

संदेह के घेरे में रवि का बैंक खाता

पुलिस जांच के दौरान यह भी पता चला कि महाराष्ट्र में हुई कई ठगी की वारदातों में भी रवि गुर्जर के बैंक खाते का इस्तेमाल किया गया था. फिलहाल पुलिस इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश कर रही है और मामले की गहराई से जांच जारी है.

अब तक 10 आरोपियों की गिरफ्तारी

इस पूरे मामले में अब तक कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. आरोपियों को पकड़ने के लिए गठित पुलिस टीम में थाना अधिकारी कुलदीप वालिया (आरपीएस), हेड कांस्टेबल प्रमोद कुमार, हेड कांस्टेबल महेंद्रराम और कांस्टेबल कैलाशचंद्र शामिल थे. पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है और जल्द ही इस मामले में और गिरफ्तारियां होने की संभावना है.

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