जो कहा सो किया, अर्जुन बामनिया ने निभाया ग्रामीणों से 20 साल पहले किया वादा

जनजाति विकास मंत्री ने अपनी उसी संकल्प को पूरा करते हुए खेड़ा गांव में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 350 विद्यार्थियों की क्षमता वाला आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित एकलव्य जनजाति आवासीय विद्यालय बनवाया,जिसका लोकार्पण मंत्री बामनिया ने किया.

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अर्जुन सिंह बामनिया (फाइल फोटो)
बांसवाड़ा:

कहते हैं कि चुनावों के दौरान किए गए वादे हवा हवाई होते हैं और समय के साथ नेता उन वादों को भूल भी जाते हैं और लोग उस वादों की भूल-लैया में खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं, लेकिन प्रदेश के जनजाति विकास मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने बीस साल पहले जो वादा किया था उसको पूरा कर उस मिथक को तोड़ने का काम किया है.

जनजाति जिले के दूरस्थ और मूलभूत सुविधाओं से वंचित डेबरीमाल पंचायत आजादी के सात दशक बाद भी शिक्षा,स्वास्थ्य और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित था,जिसको लेकर वर्ष 2003 में वर्तमान जनजाति विकास मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया ने खेड़ा गांव की जमीन को हाथ में लेकर संकल्प लिया था कि निकट भविष्य में यहां वह सभी सुविधाएं देने का प्रयास करेंगे,जो किसी बड़े कस्बों में लोगों को मिलती है.

रिपोर्ट के मुताबिक जनजाति विकास मंत्री ने अपनी उसी संकल्प को पूरा करते हुए खेड़ा गांव में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 350 विद्यार्थियों की क्षमता वाला आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित एकलव्य जनजाति आवासीय विद्यालय बनवाया,जिसका लोकार्पण मंत्री बामनिया ने किया.बामनिया ने खेड़ा गांव में खेती और पेयजल आपूर्ति के लिए 8 से 10 बड़े तालाब और एनिकट बनवाए,जिससे यहां के लोग गरीबी के दंश से बाहर निकल सकें.

इसके साथ ही यहां पर स्वास्थ्य और सड़क की सुविधा भी लोगों को मिलने लगी है जिससे हर साल रोजगार के लिए पलायन करने वाले लोगों की संख्या में भारी कमी आई है और लोग अपने गांव में ही रहकर रोजी रोटी का इंतजाम कर पा रहे हैं.

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