SC ऑर्डर के बाद भी सार्वजनिक स्थलों पर आवारा कुत्तों का जमावड़ा, अजमेर के सबसे बड़े हॉस्पिटल में मरीज से लेकर स्टाफ तक परेशान

Supreme court stray dogs: सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिया था कि आवारा पशुओं को हटाया जाएं. ऐसा नहीं होने की स्थिति में अधिकारी जिम्मेदार होंगे.

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सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में सार्वजनिक स्थलों से आवारा कुत्तों को हटाने के आदेश के बाद भी कार्यवाही नजर नहीं आ रही है. अजमेर के जवाहरलाल नेहरू (जेएलएन) अस्पताल परिसर में कुत्तों का जमावड़ा है. एनडीटीवी की टीम ने जब अजमेर संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का जायजा लिया तो यहां पार्किंग क्षेत्र, नर्सिंग हॉस्टल और विभिन्न विभागों के आस-पास करीब एक दर्जन से अधिक आवारा कुत्ते घूमते दिखे. नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं ने बताया कि हॉस्टल से अस्पताल ब्लॉक तक आते-जाते समय अक्सर डॉग उनका पीछा करते हैं. कई बार बाइक से जाते वक्त कुत्ते अचानक भौंककर दौड़ पड़ते हैं, जिससे छात्राएं चोटिल हो चुकी हैं. 

हॉस्पिटल परिसर में बनता है अफरा-तफरी का माहौल

कैंपस की एक छात्रा ने बताया, “रात के समय हॉस्टल के बाहर निकलना डरावना हो जाता है. कई बार डॉग गेट के पास ही झुंड में बैठे रहते हैं.” अस्पताल आने वाले मरीज और उनके परिजन भी इससे परेशान हैं. पार्किंग क्षेत्र में कई बार कुत्तों के झगड़े से अफरा-तफरी मच जाती है. सफाईकर्मियों का कहना है कि अस्पताल परिसर में कचरा और बचे हुए खाने की वजह से ये कुत्ते वहीं टिके रहते हैं.

स्टाफ की मांग- SC के आदेश की हो पालना

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि ऐसे आवारा कुत्तों को पकड़कर निर्धारित डॉग शेल्टर्स में स्थानांतरित किया जाए. साथ ही उन्हें दोबारा उसी जगह न छोड़ा जाए, जहां से पकड़ा गया था. इसके बावजूद अजमेर नगर निगम और पशु चिकित्सा विभाग की ओर से अभी तक कोई विशेष अभियान शुरू नहीं किया गया है. हॉस्पिटल स्टाफ और छात्रों की मांग है कि जल्द से जल्द सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना सुनिश्चित हो और अस्पताल परिसर को सुरक्षित और स्वच्छ की जाए. 

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