IAS बनने जा रहे थप्पड़कांड वाले SDM, पास की UPSC मेन्स परीक्षा; अब सिर्फ इंटरव्यू बाकी

2019 बैच के आरएएस अधिकारी अमित चौधरी ने यूपीएससी मेन्स एग्जाम पास कर लिया है. अब फाइनल राउंड बाकी है, जिसे अगर वे क्लियर कर लेते हैं तो वे आईएएस अधिकारी बन जाएंगे.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
राजस्थान के चर्चित थप्पड़ कांड की तस्वीर.

Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा उपचुनाव में 'थप्पड़ कांड' के बाद चर्चाओं में आए मालपुरा एसडीएम अमित चौधरी (SDM Amit Chaudhary) ने यूपीएससी मेन्स एग्जाम (UPSC Mains Exam) क्लियर कर लिया है. अब सिर्फ इंटरव्यू का लास्ट राउंड बचा है. अगर वे इसे क्लियर करने में कामयाब होते हैं तो वे RAS अधिकारी से IAS अधिकारी बन जाएंगे.

2023 में नहीं हो पाए थे सफल

पिछले साल यानी 2023 में भी उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की मेन्य परीक्षा पास कर ली थी. हालांकि इंटरव्यू में वे फेल हो गए थे, जिस कारण उनका सलेक्शन नहीं हो पाया था. लेकिन अमित चौधरी ने हार नहीं मानी और 2024 में इस परीक्षा को फिर से क्लियर करके इंटरव्यू राउंड में पहुंच गए.

Advertisement

इस बार सलेक्शन की पूरी उम्मीद

NDTV राजस्थान से खास बातचीत में अमित चौधरी ने कहा, 'मुझे पूरी उम्मीद थी कि मैं मेन्य परीक्षा क्लियर कर लूंगा. मेरे पास हिंदी साहित्य सब्जेक्ट था. उम्मीद करता हूं कि आगे सब कुछ अच्छा हो. इंटरव्यू भी अच्छा जाना चाहिए. इस बार मुझे सलेक्शन की पूरी उम्मीद है.'

Advertisement

मालपुरा एसडीएम अमित चौधरी की तस्वीर.
Photo Credit: NDTV Reporter

2019 बैच के RAS अधिकारी

अमित चौधरी राजस्‍थान प्रशासनिक सेवा के 2019 बैच के अधिकारी हैं. 14 मई 1992 को अलवर में जन्मे अमित कुमार चौधरी मालपुरा में एसडीएम बनने से पहले झालावाड़ के मनोहरपुरा थाना, डूंगरपुर के चिकली, हिंडोली बूंदी, आसवार झालावाड़ और नागौर में एसडीएम रह चुके हैं.

Advertisement
क्या था समरावता का थप्पड़ कांड?

राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव की वोटिंग हो रही थी. उस दिन अमित चौधरी टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा में कचरावता पंचायत के समरावता गांव में बूथ मजिस्ट्रेट की ड्यूटी पर तैनात थे. ग्रामीणों ने अपनी मांगों को लेकर मतदान का बहिष्कार किया हुआ था. इसी दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने डरा धमाकर वोट डलवाने के आरोप में SDM अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया. मतदान पूरा होने के बाद शाम में वहां हिंसा भड़क गई और आगजनी की घटना हुईं. उस हिंसा में कई पुलिसकर्मी और ग्रामीण घायल हुए. सरकारी और प्राइवेट प्रॉपर्टी को नुकसान हुआ. इसके बाद 14 नवंबर को पुलिस ने नरेश मीणा समेत 60 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. तब से अभी तक नरेश मीणा जेल में ही हैं.

ये भी पढ़ें:- मुख्यमंत्री के बाद अब डिप्टी सीएम की सुरक्षा में चूक, प्रेमचंद बैरवा के काफिले में घुसा कैंटर