राजस्थान: गांव में स्कूल खुला तो 15 KM पदयात्रा कर मंदिर पहुंचे ग्रामीण, बोले- 'ये चारभुजा नाथ की महिमा'

सोला का खेड़ा गांव के उपसरपंच शिवलाल गुर्जर ने कहा कि हमारे गांव की स्कूल 2017 में दूसरी स्कूल में मिल दी गई थी. सरकारी स्तर पर भी हमने बहुत प्रयास किया था. भगवान के यहां पर भी अर्जी लगाई थी और आज हमारी मनोकामना पूरी हो गई है

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Rajasthan news: राजस्थान में भीलवाड़ा के प्रसिद्ध कोटड़ी चारभुजा नाथ मंदिर में देश-दुनिया से लोग अपनी मनोकामना पूरी करने आते हैं. इस समय सोला का खेड़ा गांव के ग्रामीणों की मन्नत बहुत चर्चा का विषय बनी हुई है. ग्रामीणों ने भगवान चारभुजा नाथ से गांव में स्कूल खोलने की मन्नत मांगी थी. भगवान के दरबार में मांगी हुई मनोकामना पूरी होने पर ग्रामीणों ने उपवास रख पदयात्रा करने का वचन लिया था. कुछ समय बाद गांव में स्कूल खुल गया और ग्रामीणों की मनोकामना पूरी हो गई. मन्नत पूरी होने पर सभी ग्रामीण गाजे बाजे और डीजे पर नाचते गाते पहुंचे मंदिर गए और भगवान शुक्र अदा किया. आगे बच्चों की पढ़ाई में बाधा नहीं आए यह भी कामना की. इस युग में अपने लिए तो हर कोई मन्नत मांगता है. लेकिन यहां पूरे ग्रामीणों ने बच्चों की पढ़ाई के लिए मन्नत मांगी और पूरी होने पर 15 किलोमीटर लम्बी पदयात्रा करते हुए चारभुजा मंदिर पर गए.   

बच्चे पढ़ने के लिए जाते थे 2 किलोमीटर दूर 

सोला का खेड़ा गांव कोटडी उपखंड क्षेत्र के गहुली पंचायत में है. गांव पहले के राजकीय प्राथमिक स्कूल को राज्य सरकार के आदेश पर, गहुली ग्राम पंचायत मुख्यालय के स्कूल में मिला दिया गया था. स्कूल के मर्ज होने के बाद8 सालों से बच्चों को परेशानी हो रही थी. बच्चे मजबूर होकर पढ़ने के लिए गांव से 2 किलोमीटर दूर जाते थे. ऐसे में बरसात के दिनों में स्कूल जाने वाले रास्ते में बहुत पानी आता है, जिसमें स्कूल जाने में बहुत खतरा रहता था. साथ ही बच्चों की पढ़ाई को लेकर अभिभावक बहुत  चिंतित रहते थे.एक दिन सभी अभिभावकों ने मिलकर एक बैठक की और फैसला लिया की अपने आराध्य देव मेवाड़ के सुप्रसिद्ध धाम श्री कोटड़ी श्याम से स्कूल बनने की मन्नत मांगेंगे. ऐसा पहली बार हुआ की अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों को छोड़कर भक्तों ने अपने प्रभु के चरणों में अपनी मांग रखी.

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बच्चों के साथ महिलाओं ने भी बोली प्रार्थना

कुछ दिनों के बाद गांव में स्कूल के दुबारा खुलने का आदेश आ गया. सोला का खेड़ा में राजकीय प्राथमिक विद्यालय को दुबारा चालू किया गया. इस पर ग्रामवासियों ने जन प्रतिनिधियों व अधिकारियों का आभार तो जताया ही साथ ही मन्नत पूरी होने पर गांव में जश्न का माहौल है बन गया. ग्रामवासियों ने  महिलाओं ने विद्यालय परिसर में इकट्ठा होकर सरस्वती माता की आरती की और मंगल गीत गाए.  बच्चों के साथ महिलाओं ने भी स्कूल की प्रार्थना बोली.  

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स्कूल में एक और अध्यापक लगाने की मांग 

गांव के उपसरपंच शिवलाल गुर्जर ने कहा कि हमारे गांव की स्कूल 2017 में दूसरी स्कूल में मिल दी गई थी. सरकारी स्तर पर भी हमने बहुत प्रयास किया था. भगवान के यहां पर भी अर्जी लगाई थी और आज हमारी मनोकामना पूरी हो गई है. गांव के सभी लोग जो चलने फिरने में सक्षम हैं भगवान चारभुजा नाथ के यहां पर पैदल यात्रा पर जा रहे हैं. हम ग्रामीण स्कूल में एक अध्यापक लगाने की भी मांग कर रहे हैं. बुजुर्ग महिला प्रेम देवी ने कहा कि हमारे गांव के बच्चों को दूसरे गांव में पढ़ने जाना पड़ता था, जिसमें पानी का डर रहता था और आवारा पशुओं का डर रहता था. अब हमारे यहां पर भगवान चारभुजा नाथ की कृपा से स्कूल खुल गया है. 

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