CAA News: राजस्थान में 35 हजार पाक विस्थपित शरणार्थी, सीएए लागू होने के बाद सिर्फ 21 हजार को ही क्यों मिलेगी नागरिकता?

पाक विस्थापितों में सबसे ज़्यादा साढ़े तीन लाख लोग बाड़मेर ज़िले में बसे हुए हैं. बीकानेर ज़िले में इनकी तादाद डेढ़ लाख है, जो कोलायत, पूगल और खाजूवाला तहसीलों के गाँवों में रह रहे हैं. अगर सम्भाग की बात करें और ये संख्या और बढ़ जाती है. जोधपुर में भी 70 से 80 हज़ार पाक विस्थापित हैं.

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राजस्थान में पाक विस्थापित (फाइल फोटो)

Citizenship Amendment Act: केन्द्र सरकार ने कल नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) लागू किए जाने की घोषणा कर दी है. इसका फायदा पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बांग्लादेश से विस्थापित हुए गैर-मुस्लिमों को मिलेगा. देश में रहने वाले विस्थापितों में सबसे ज़्यादा तादाद पाकिस्तान से आये हुए शरणार्थियों की है, जो अपने देश मे ज़ुल्मों के शिकार होकर इस उम्मीद के साथ भारत आये थे कि कम से कम भारत में उन्हें  एक सम्मानजनक जीवन जीने को मिलेगा. इनमें से ज़्यादातर लोग राजस्थान में रह रहे हैं और कई को यहां की नागरिकता मिल चुकी है. मगर ज्यादातर संख्या ऐसे लोगों की है जिन्हें भारत मे शरण लिए कई साल हो चुके हैं, लेकिन अभी भी वे यहां के नागरिक नहीं हैं. सीएए ने उन्हीं लोगों के लिए नागरिकता हासिल करने के दरवाज़े खोल दिये हैं. 

40 फीसदी लोगों को मिल सकेगी नागरिकता 

पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर, श्रीगंगानगर, जैसलमेर, बाड़मेर और जोधपुर जैसे शहरों में तक़रीबन 8 लाख पाकिस्तानी विस्थापित बसे हुए हैं. ये लोग सन 1971 के बाद भारत आये थे. इनमें से क़रीब 35 हज़ार लोग आज भी नागरिकता से वंचित हैं. इनके पास दस्तावेज़ों की भी कमी है. केन्द्र सरकार द्वारा कल लागू किये गए नागरिकता संशोधन क़ानून से इनमें से क़रीब 40 फ़ीसद लोगों को भारत की सिटिज़नशिप मिल जाएगी. ग़ौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने 31 दिसम्बर, 2014 से पहले आये विस्थापितों को ही नागरिकता देने का ऐलान किया है. जानकारी के मुताबिक़ इन 35 हज़ार लोगों में से 40 प्रतिशत वे लोग हैं जो 2014 से पहले भारत आये थे, जबकि 60 फ़ीसद वे हैं जो इसमें बाद भारत आए. इन 60 फ़ीसद को हालिया नियमों के अनुसार नागरिकता नहीं मिल सकेगी. 

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सबसे ज्यादा बाड़मेर में हैं पाक विस्थापित 

पाक विस्थापितों में सबसे ज़्यादा साढ़े तीन लाख लोग बाड़मेर ज़िले में बसे हुए हैं. बीकानेर ज़िले में इनकी तादाद डेढ़ लाख है, जो कोलायत, पूगल और खाजूवाला तहसीलों के गाँवों में रह रहे हैं. अगर सम्भाग की बात करें और ये संख्या और बढ़ जाती है. जोधपुर में भी 70 से 80 हज़ार पाक विस्थापित हैं. इसके अलावा श्रीगंगानगर, अनूपगढ़, जालौर और पोकरण सहित कई इलाक़ों में ये बसे हैं. सन 1971 में क़रीब 90 हज़ार लोग पाकिस्तान से विस्थापित होकर भारत आए थे. उसमे बाद भी वहाँ से लोगों का आना जारी रहा. वर्तमान में पाक विस्थापितों की तादाद 8 लाख के क़रीब है. इनमें काफ़ी संख्या ऐसे लोगों की है जिन्हें नागरिकता मिलने का इन्तेज़ार है.

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बीकानेर सम्भाग की कमिश्नर वन्दना सिंघवी का कहना है कि केन्द्र सरकार ने अभी नोटिफ़िकेशन जारी किया है. इसकी डिटेल आना बाक़ी है. उसके बाद सरकार के निर्देशों के अनुसार ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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