राजस्थान में गृह विभाग के 4 प्रबल दावेदार, लेकिन रेस में यह 2 नाम सबसे आगे!

राजस्थान में कैबिनेट विस्तार के बाद विभागों के बंटवारे पर फैसला होना बाकी है. जबकि प्रदेश के गृह विभाग की जिम्मेदारी किसके हाथ होगी इसके लिए रेस में 4 प्रबल दावेदार हैं.

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राजस्थान में किसे मिलेगा गृह विभाग.

Rajasthan Cabinet: राजस्थान में कैबिनेट के विस्तार के बाद चयनित मंत्री अपने-अपने विभाग के आवंटन का इंतजार कर रहे हैं. वहीं, कैबिनेट मंत्रियों में किसे गृह मंत्रालय (Rajasthan Home Ministry)  मिलेगा इसे लेकर सस्पेंस बना है. हालांकि, गृह मंत्रालय के लिए लॉबिंग भी हो रही है. लेकिन जिस तरह से कैबिनेट मंत्रियों के नाम का फैसला जिस तरह से दिल्ली से हुआ है. वैसे ही विभागों का बंटवारा भी आलाकमान के आदेश से ही होगा. इसके बावजूद सीएम भजन लाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) समेत चार लोग इसके प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. लेकिन माना जा रहा है कि राजस्थान में गृह मंत्रालय किसी साफ छवि वाले नेता को सौंपा जाएगा.

गृह मंत्रालय के लिए सीएम भजन लाल शर्मा, डॉ किरोड़ी लाल मीणा, डिप्टी सीएम दीया कुमारी और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का नाम प्रबल दावेदार के तौर पर आ रहा है. लेकिन सीएम भजन लाल शर्मा और डॉ किरोड़ी लाल मीणा को पीछे छोड़ दीया कुमारी और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का नाम रेस में आगे बताया जा रहा है.

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चलिए आपको बताते हैं ये चार नाम क्यों हैं रेस में हैं. जबकि दीया कुमारी और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ इस रेस में आगे कैसे हैं.

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सीएम भजन लाल शर्मा को क्यो नहीं मिलेगा गृह मंत्रालय

वैसे तो गृह मंत्रालय सीएम भजन लाल शर्मा के खाते में आना चाहिए. क्योंकि मध्य प्रदेश में सीएम मोहल लाल ही गृह मंत्रालय संभाल रहे हैं. ऐसे में राजस्थान सीएम भजन लाल शर्मा गृह मंत्रालय अपने पास रख सकते हैं. लेकिन सियासी दांव पेंच में उन्हें ये विभाग नहीं दिया जा सकता.

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क्योंकि जब अशोक गहलोत सीएम थे और उनके पास गृह विभाग था तो बीजेपी लगातार उन पर दवाब डाल रही थी कि गृह विभाग का जिम्मा किसी और मंत्री के पास होना चाहिए. अब अगर भजन लाल शर्मा को गृह विभाग दिया गया तो कांग्रेस हमलावर होगी.

किरोड़ी लाल मीणा प्रबल दावेदार के बाद भी क्यों रेस में पीछे

डॉ किरोड़ी लाल मीणा गृह विभाग के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. लेकिन परेशानी इस बात की है. किरोड़ी लाल मीणा पर खुद कानून व्यवस्था से जुड़े केस दर्ज हैं. गहलोत सरकार के खिलाफ उन्होंने सबसे ज्यादा धरना-प्रदर्शन किया था. ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि उनकी छवि गृहमंत्री बनने में रुकावटें पैदा कर सकती है.

दीया कुमारी रेस में सबसे आगे क्यों

दीया कुमारी को डिप्टी सीएम का पद दिया गया है. साथ ही कैबिनेट में मंत्री बनाया गया है. अब उन्हें गृह मंत्रालय भी दिया जा सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि

दीया कुमारी संयमित बयानबाजी के लिए जानी जाती है. इसके साथ ही वह पुलिस को संभालने में सक्षम है. इसके साथ ही वह साफ छवि की नेता हैं. वहीं, छत्तीसगढ़ में डिप्टी सीएम विजय शर्मा को गृह मंत्री बनाया गया है. ऐसे में दीया कुमारी को यह विभाग दिया जा सकता है.

राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी रेस में आगे

राज्यवर्धन सिंह राठौड़ भी गृह विभाग के प्रबल दावेदार हैं. क्योंकि वह इस पद को संभाल सकते हैं और साफ छवि के हैं. जबकि राज्यवर्धन ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान माफियाओं और गैंगस्टरों के खिलाफ खूब बयान दिये थे. उनका एक वीडियो भी इन दिनों वायरल हो रहा है. जिसमें वह कहते दिख रहे हैं कि वह माफियाओं को नाश्ते में खाते हैं. 

राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा था,

इन माफिया को मैं नाश्ते में खाता हूं. जितने भी माफिया हैं यहां वो कान खोलकर सुन लें. रोक सकते हो तो रोक लो, नहीं तो सभी माफिया को नाश्ते में खाऊंगा. इनको ढूंढ़-ढूंढ़कर निकालूंगा. कानून के माध्यम से इनको खत्म कर दूंगा. हिम्मत है तो मुझे रोककर दिखाओ.

अब उनकी ये छवि उन्हें गृह विभाग दिला सकती है. बता दें, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने 1 जनवरी को सचिवालय में अपने ऑफिस में कुर्सी संभाल ली है. अब विभाग के इंतजार में हैं.

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