राजस्थान में मच सकता है सियासी बवाल, सांसद राजकुमार रोत ने भी कहा, पनप रही है बांग्लादेश जैसी अलगावादी सोच

राजस्थान के बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट से सांसद और आदिवासी नेता राजकुमार रोत ने सलमान खुर्शीद के बयान को दोहराया है और कहा कि भारत में भी बांग्लादेश जैसे हालात कभी भी हो सकते हैं.

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राजकुमार रोत

Rajkumar Roat: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने हाल ही में अपने बयान में कहा था कि देश में भी बांग्लादेश जैसे हालत हो सकती है. हालांकि इस बयान के बाद सलमान खुर्शीद को काफी आलोचना झेलनी पड़ रही है. वहीं अब राजस्थान के बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट से सांसद और आदिवासी नेता राजकुमार रोत ने सलमान खुर्शीद के बयान को दोहराया है और कहा कि भारत में भी बांग्लादेश जैसे हालात कभी भी हो सकते हैं. अब इस बयान के बाद राजस्थान में सियासी बवाल मच सकता है.

सलमान खुर्शीद ने कहा था, भले ही ऊपरी तौर पर सब कुछ सामान्य लग रहा हो, लेकिन बांग्लादेश में जो हो रहा है वह भारत में भी हो सकता है. इस बयान के बाद लगातार उन्हें आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है.

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सलमान खुर्शीद के बयान के बाद राजकुमार रोत का भी आया बयान 

बांसवाड़ा में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान राजकुमार रोत ने कहा कि देश में धर्म और जाति की राजनीति हावी होती जा रही है. जिसके चलते सभी समाजों में डर फैल गया है और यहां के लोग भय ग्रस्त हैं. इससे अंदेशा जताया जा रहा है कि जिस प्रकार अभी बांग्लादेश के हालात उत्पन्न हुए हैं. कहीं आने वाले समय में भारत में भी ऐसे ही हालात उत्पन्न ना हो जाए. इसके लिए भारत आदिवासी पार्टी और अन्य पार्टियों द्वारा भारतीय जनता पार्टी व एनडीए गठबंधन के नेताओं से धर्म और जाति की राजनीति नहीं करने का आह्वान किया है. साथ ही उन्होंने कहा कि हम बार-बार राजनीति को धर्म से अलग रखने की बात करते आए हैं. लेकिन भारतीय जनता पार्टी हमेशा धर्म और जाति की राजनीति करती आई है जिससे समाज में अलगाववादी सोंच पनपने लगी है जो देश के लिए बहुत घातक है. 

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हिंदुओं पर अत्याचार पर जताई चिंता

सांसद राजकुमार रोत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जिस प्रकार बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की स्थिति हो रही है. इस तरह भारत में भी धर्म के नाम पर अल्पसंख्यकों लोगों को डराया धमकाया जा रहा है. जिसके चलते हम सरकार और भाजपा से अपील करते हैं कि वह धर्म और जाति की राजनीति से दूर होकर शिक्षा और रोजगार की बात करें ना कि धर्म की.

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