राजस्थान में बिजली का नहीं होगा निजीकरण, ऊर्जा मंत्री ने कहा- सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं

राजस्थान में बिजली के निजीकरण के आशंकाओं पर कर्मचारी विरोध कर रहे हैं. वहीं ऊर्जा मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है.

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Rajasthan Electricity: राजस्थान में बिजली की निजीकरण की चर्चाएं जोर शोर से हो रही है. निजीकरण की आशंकाओं के बीच बिजली विभाग के कर्मचारियों द्वारा विद्युत विभाग के निजीकरण का विरोध कर रहे हैं. इसके साथ ही इसके खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं. लेकिन इस बीच राजस्थान के ऊर्जा मंत्री का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि विद्युत क्षेत्र के निजीकरण की राज्य सरकार की कोई मंशा नहीं है. बिजली का किसी तरह से भी निजीकरण नहीं किया जाएगा.

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने प्रदेश के विद्युत कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों से शुक्रवार को विद्युत भवन में संवाद किया. इस दौरान नागर ने कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों की अपेक्षाओं  एवं आशंकाओं को गंभीरता से सुना.

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ऊर्जा की मांग को बेहतर वित्तीय प्रबंधन के साथ पूरा किया जा सकेगा

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार की प्राथमिकता है कि उपभोक्ताओं को बिना किसी ट्रिपिंग के किफायती बिजली मिले और ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान आत्मनिर्भर बने. उन्होंने कहा कि प्रदेश के बिजली तंत्र को मजबूत करने के सरकार के प्रयासों में विद्युत निगमों के कार्मिक महत्वपूर्ण भागीदार हैं. कार्मिकों के सहयोग से ही राज्य सरकार ऊर्जा क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण की दिशा में आगे बढ़ रही है. उत्पादन के क्षेत्र में जो संयुक्त उद्यम एमओयू किए गए हैं, वे एनटीपीसी, पावर ग्रिड, कोल इंडिया सहित अन्य प्रतिष्ठित केन्द्रीय उपक्रमों के साथ किए गए हैं. इनसे प्रदेश की बढ़ती ऊर्जा की मांग को बेहतर वित्तीय प्रबंधन के साथ पूरा किया जा सकेगा.

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कर्मचारियों के हितों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ने दिया जाएगा

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वितरण के क्षेत्र में हाईब्रिड एन्युटी मॉडल बेहतर वित्तीय प्रबंधन के साथ किसानों को दिन में बिजली की मांग को पूरा करने के दृष्टिगत कारगर कदम है. यह मॉडल विकेन्द्रित सोलर संयंत्रों की स्थापना में बड़ा बदलाव लाएगा. इससे डिस्कॉम्स को ट्रांसमिशन छीजत में कमी के साथ स्थानीय स्तर पर ही उत्पादित सौर ऊर्जा के रूप में सस्ती बिजली मिल सकेगी. इससे वितरण कंपनियों के घाटे को कम करने में मदद मिलेगी. इसी प्रकार प्रदेश के प्रसारण तंत्र को भी योजनाबद्ध रूप से मजबूत किया जा रहा है. उन्होंने आश्वस्त किया कि ऊर्जा क्षेत्र के तीनों आयामों-उत्पादन, वितरण एवं प्रसारण में कर्मचारियों के हितों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ने दिया जाएगा. 

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