Rajasthan Politics: "अंता विधानसभा उपचुनाव में 'धनबल' और 'जनबल' की लड़ाई", वसुंधरा राजे बोलीं- ये कर्जा मुझे चुकाना ही पड़ेगा

Election 2025: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अंता उपचुनाव को 'धनबल और जनबल' की लड़ाई बताया और लोकल कैंडिडेट मोरपाल सुमन को जिताने की अपील की. उन्होंने कहा कि अंता के लोगों का विश्वास उनके लिए 'कर्जा' है, जिसे वह और उनके बेटे दुष्यंत सिंह मिलकर चुकाएंगे.

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पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने अंता में लोकल कैंडिडेट मोरपाल सुमन को जिताने की अपील की, कहा- मैं और दुष्यंत हमेशा उनके साथ खड़े हैं
NDTV Reporter

Rajasthan News: अंता विधानसभा उपचुनाव (Anta By Election 2025) को लेकर राजस्थान की राजनीति पूरी तरह गर्म हो चुकी है. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) मंगलवार को बारां (Baran) पहुंचीं और उन्होंने इस चुनाव को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. वसुंधरा राजे ने अंता उपचुनाव को 'धनबल और जनबल' के बीच की सीधी लड़ाई बताया है. उन्होंने साफ कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि जीत हमेशा जनबल (जनता की ताकत) की होती है. उन्होंने यकीन जताते हुए कहा कि जनता इस बार भी धनबल के ऊपर प्रभाव डालते हुए हमारे लोकल उम्मीदवार मोरपाल सुमन (Morpal Suman) को जिताने का काम करेगी.

'कर्जा' चुकाने का वादा

पूर्व सीएम ने बताया कि अंता के लोगों की लंबे समय से स्थानीय प्रत्याशी की मांग थी. लोगों की बात मानते हुए ही बीजेपी ने मोरपाल सुमन को टिकट दिया है, जो पूरी तरह से लोकल हैं. राजे ने अंता के मतदाताओं से अपील की कि मोरपाल उनका 'घर का व्यक्ति' है और उसे सपोर्ट करने में कोई कमी न रखें. उन्होंने कहा कि मोरपाल की जीत से अंता की जनता को तीन प्रतिनिधि मिलेंगे—खुद मोरपाल, सांसद दुष्यंत (उनके बेटे) और वह स्वयं. राजे ने जोर देकर कहा कि स्थानीय प्रत्याशी को टिकट देने से लोगों का जो विश्वास मिला है, वह उनके लिए एक 'कर्जा' है. यह कर्जा उन्हें चुकाना ही पड़ेगा. वसुंधरा राजे ने दावा किया कि यह चुनाव केवल मोरपाल का नहीं है, बल्कि पूरे भाजपा परिवार के कार्यकर्ता इसे लड़ रहे हैं, और मोरपाल की जीत हर कार्यकर्ता की जीत होगी.

मोरपाल सुमन के बारे में जानिए

बताते चलें कि मोरपाल सुमन वर्तमान में बारां पंचायत समिति के प्रधान हैं और माली समाज से आते हैं, जो अंता क्षेत्र में एक प्रभावी वोट बैंक है. मोरपाल सुमन की पत्नी नटी बाई भी वर्तमान में सरपंच हैं. संगठन में उनका लंबा अनुभव है. वह 1992 में युवा मोर्चा देहात मंडल अध्यक्ष से लेकर भाजपा ओबीसी मोर्चा जिलाध्यक्ष, सरपंच, जिलामंत्री और लगातार जिला महामंत्री (2016 से) जैसे कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं. किराना एवं व्यापार संघ से भी जुड़े मोरपाल सुमन की छवि जमीन से जुड़े लो-प्रोफाइल जनसेवक और RSS से जुड़े व्यक्ति की है, जिसके कारण उन्हें पार्टी ने टिकट देकर स्थानीय और लोकप्रिय चेहरे पर दांव खेला है. उनका मुकाबला कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया और निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा से है, जिससे अंता में त्रिकोणीय मुकाबला तय हो गया है.

मोरपाल सुमन के पास कितनी संपत्ति?

भाजपा के 10वीं पास उम्मीदवार मोरपाल सुमन के पास 45 लाख रुपये की चल और 55 लाख रुपये की अचल संपत्ति है. इसके अलावा उनकी पत्नी के पास कुल 25 लाख 28 हजार रुपये की कुल संपत्ति है. मोरपाल सुमन के पास 1 मोटर साइकिल, एक ट्रैक्टर और एक स्कॉर्पियो कार भी है, जो उन्होंने 12 मई 2025 को ही खरीदी है. इसके अलावा मोरपाल सुमन के पास डेढ़ तोला सोना और उनकी पत्नी के पास 500 ग्राम चांदी के साथ 50 ग्राम सोना भी है. उन पर कुल 17 लाख 50 हजार रुपये के लोन दायित्व हैं. मोरपाल सुमन अपनी आय का स्रोत कृषि और एलआईसी एजेंट के साथ प्रधान पद के मानदेय को बताते हैं. मोरपाल सुमन के खिलाफ फिलहाल कोई आपराधिक मामला लंबित नहीं है.

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