Sikar Lok Sabha Election 2024: आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर देशभर के 28 दलों ने मिलकर गठबंधन किया है जिसे "इंडिया गठबंधन" (INDIA Alliance) नाम दिया गया है. बीते दो लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ भाजपा सरकार बनाती आई है .ऐसे में इंडिया गठबंधन मोदी सरकार को चुनौती देने के लिए पुरजोर तैयारी कर रहा है.
इस बार लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस नई रणनीति के साथ चुनावी मैदान में उतरने जा रही है, जहां युवा, महिला, और अनुभवी चेहरों को मौका दिया जा सकता है और इसमें कई हारे हुए विधायकों को भी मौका मिल सकता है.
सुनीता गठाला हो सकती हैं उम्मीदवार
लोकसभा चुनाव को लेकर सीकर जिले से भी कई नाम सामने आ रहे हैं जो कि सीकर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जाता चुके हैं, इन नाम में सबसे पहले सीकर कांग्रेस जिला अध्यक्ष सुनीता गठाला का है, जो पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा की करीबी मानी जाती हैं, महिला कोटे से उन्हें टिकट मिलने की संभावनाएं भी है.
सीकर से सांसद रहे खड़ेला भी मैदान में
संभावित उम्मीदवारों में तीसरा नाम खंडेला से पूर्व विधायक महादेव सिंह खंडेला भी मैदान में है. हालांकि इस बार खंडेला सीट से विधानसभा चुनाव हार चुके हैं. महादेव सिंह पूर्व में सीकर लोकसभा सीट से चुनाव जीते हुए हैं. ऐसे में टिकट दिलाने में यह अनुभव काम आ सकता है. खंडेला गहलोत गुट के माने जाते हैं.
युवा चेहरा मुकुल खीचड़ भी हो सकते हैं उम्मीदवार
लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कई युवा चेहरे भी अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. इसमें सीकर यूथ कांग्रेस अध्यक्ष मुकुल खीचड़ भी इन दिनों जयपुर से दिल्ली तक दौड़ लगा रहे हैं. मुकुल खीचड़ लंबे समय से यूथ कांग्रेस से जुड़े हुए हैं और युवाओं में खीचड़ की अच्छी पैठ मानी जाती है. पार्टी अगर किसी युवा चेहरे पर दांव खेलती है तो यहां से मुकुल खीचड़ का नाम सबसे आगे है.
सीकर सीट पर और नाम हैं चर्चा में
सीकर लोकसभा सीट से दावेदारी करने वालों में फूल सिंह ओला, कैप्टन अरविंद का भी नाम शामिल है, यहां देखना होगा पार्टी इस बार किसे चुनाव लड़वाती है. आपको बता दें पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा सीकर जिले से आते हैं. ऐसे में इस सीट पर डोटासरा की सहमति मायने रखती है.
1952 से लेकर 2019 तक जीत का समीकरण
सीकर लोकसभा सीट पर 1952 में राम राज्य परिषद के नंदलाल शर्मा ने पहली जीत दर्ज की. 1957 और 62 के चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के रामेश्वर टांटिया, 1967 के चुनाव में भारतीय जनसंघ के गोपाल साबू, 1971 के चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के श्रीकृष्णा मोदी, 1977 के चुनाव में जनता पार्टी के जगदीश प्रसाद माथुर, 1980 के चुनाव में जनता पार्टी (सेक्युलर) कुंभाराम आर्य चुनाव जीते.
2014 और 2019 चुनाव में भाजपा ने दर्ज की जीत
वहीं,1984 के चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बलराम जाखड़, 1989 में जनता दल के चौधरी देवीलाल, 1991 के चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बलराम जाखड़, 1996 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के डॉ. हरि सिंह, 1998, 1999 व 2004 चुनाव में भाजपा के सुभाष महरिया, 2009 के चुनाव में कांग्रेस के महादेव सिंह खंडेला और 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के सुमेधानन्द सरस्वती ने जीत का परचम लहराया है.
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