लोकसभा चुनाव में पहली बार किया जा रहा यह काम, उम्मीदवार देख सकेंगे वीवीपैट की यह प्रक्रिया

राजस्थान में 19 और 26 अप्रैल को मतदान के लिए करीब 2 लाख ईवीएम और वीवीपैट इस्तेमाल किये जाएंगे.

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Rajasthan News: लोकसभा आम चुनाव-2024 में चुनाव आयोग द्वारा एक नई प्रक्रिया को शामिल किया जा रहा है. यह पहली बार होगा जब उम्मीदवार वीवीपैट में सिंबल लोडिंग की प्रक्रिया को देख सकेंगे. राजस्थान में फेज 1 की 12 लोक सभा में मंगलवार 9 अप्रैल से ईवीएम मशीनों की कमिशनिंग प्रदेश में फेज 2 की 13 लोक सभा में मंगलवार से ईवीएम मशीनों की कमिशनिंग 13 अप्रैल से पहली बार टीवी मॉनिटर के माध्यम से अभ्यर्थी वीवीपैट में सिंबल लोडिंग की प्रक्रिया को देख सकेंगे.

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों की पालना में लोक आम चुनाव 2024 के लिए एम-3 ईवीएम बीयू, सीयू एवं वीवीपीएटी का द्वितीय रेंडमाइजेशन 5 April शुक्रवार को किया गया. बुधवार से अभ्यर्थियों या उनके प्रतिनिधियों की मौजूदगी में प्रदेश भर में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन एवं वीवीपीएटी की कमिश्निंग का कार्य आरंभ होगा, इस दौरान टीवी मॉनिटर के माध्यम से अभ्यर्थी या उनके प्रतिनिधि सिंबल लोडिंग की प्रकिया को देख सकेंगे. लोक सभा  आम चुनाव 2024 में पहली बार अभ्यर्थी या उनके प्रतिनिधी को ये सुविधा मिल रही है.

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वीवीपीएटी को दो बार रेंडमाइज़ किया जाता है

मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि फेज 1 के लिए एम-3 ईवीएम बीयू, सीयू एवं वीवी पेट का द्वितीय रेंडमाइजेशन 5 अप्रैल को चुनाव पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में संपन्न हुआ. इस दौरान राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि एवं प्रत्याशी भी मौजूद रहे. मतदान से पहले ईएमएस सॉफ्टवेयर का उपयोग कर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वीवीपीएटी को दो बार रेंडमाइज़ किया जाता है. पहला रेंडमाइजेशन 19-20 मार्च को किया गया था. अब दूसरी बार मतदान केंद्र आवंटन के लिए शुक्रवार को रेंडमाइज़ेशन किया गया. 

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मतदान के लिए लगभग 2 लाख ईवीएम का इस्तेमाल

प्रवीण गुप्ता ने बताया कि राजस्थान में 19 तथा 26 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए लगभग 2 लाख ईवीएम और वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है.  चित्तौड़गढ़ लोक सभा क्षेत्र में 15 से अधिक प्रत्याशी होने की वजह से प्रत्येक मतदान केन्द्र पर 2 बैलट यूनिट द्वारा मतदान होगा.  मतदान के लिए प्रयोग में लाने से पहले ईएमएस (EMS) सॉफ्टवेयर का उपयोग कर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वीवीपीएटी को दो बार रेंडमाइज किया जाता है. प्रथम बार इन्हें विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र आबंटित किए जाने के दौरान और द्वितीय बार इन्हें मतदान केंद्र आबंटित किए जाने के दौरान रेंडमाइज किया जाता है. रेंडमाइजेशन और कमिश्निंग की प्रक्रिया में शामिल होने के लिए मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों तथा निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों को आमंत्रित किया जाता है. दोनों रेंडमाइजेशन के बाद ईवीएम एवं वीवीपीएटी की रेंडमाइज्ड सूची मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों व निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों को प्रदान की जाती है.

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वोट देकर किया जाएगा मॉक पोल

निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची को अंतिम रूप देने के बाद ईवीएम एवं वीवीपीएटी की कमिश्निंग की जाती है. निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों या उनके प्रतिनिधियों की उपस्थिति में यह काम किया जाता है. कमिश्निंग हॉल में लगाए गए टीवी मॉनिटर के माध्यम से अभ्यर्थी या उनके अभिकर्ता वीवीपीएटी में सिंबल (चुनाव चिन्ह) लोडिंग की प्रक्रिया को देख सकेंगे. कमिश्निंग के बाद प्रत्येक ईवीएम और वीवीपीएटी में नोटा (NOTA) सहित प्रत्येक उम्मीदवार के लिए एक वोट देकर मॉक पोल किया जाता है. इसके अतिरिक्त रेंडम रूप से चुने गए पांच प्रतिशत ईवीएम एवं वीवीपीएटी पर 1000 वोट डालकर मॉक पोल किया जाता है. इनके इलेक्ट्रॉनिक परिणाम का मिलान भी वीवीपीएटी के पेपर स्लिप से किया जाता है.

मतदान के 90 मिनट पहले भी होगा मॉक पोल

मतदान के दिन वास्तविक मतदान शुरू होने के 90 मिनट पहले मतदान अभिकर्ताओं की उपस्थिति में मॉक पोल किया जाता है. इस दौरान नोटा सहित प्रत्येक अभ्यर्थी के लिए एक वोट डालकर कम से कम 50 वोट के साथ मॉक पोल किया जाता है. कंट्रोल यूनिट पर प्राप्त मॉक पोल के परिणाम का मिलान वीवीपीएटी से प्रिंट की गई पर्ची के साथ कर एक प्रमाण पत्र पीठासीन अधिकारी द्वारा तैयार किया जाता है. मॉक पोल के तुरंत बाद कंट्रोल यूनिट का क्लियर बटन दबाकर मॉक पोल का डॉटा डिलीट किया जाता है. साथ ही मॉक पोल की वीवीपीएटी पेपर स्लिप को कंपार्टमेंट से निकाल कर काले रंग के लिफाफे में भरकर सील किया जाता है.

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