1 जुलाई से लागू होने जा रहे हैं 3 नए कानून, सुधांश पंत ने विभागों को दिये यह निर्देश

1 जुलाई 2024 से पुराने आपराधिक कानूनों की जगह पूरे देश में अब तीन नए आपराधिक कानून लागू होने जा रहे हैं.

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New  Criminal Law From 1 July: 150 साल पुरानी दण्ड आधारित न्याय प्रणाली के लिए पुराने आपराधिक कानूनों की जगह अब तीन नए आपराधिक कानून लागू होने जा रहे हैं. यह तीन नए कानून 1 जुलाई 2024 से पूरे देश में लागू होने जा रहे हैं. नए कानून लागू होने से पहले राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत (Sudhansh Pant) ने शासन सचिवालय में एक बैठक आयोजित की. सुधांश पंत बैठक की अध्यक्ष थे और उन्होंने इसमें नये आपराधिक कानूनों को लेकर चर्चा की. उन्होंने कहा कि ये 3 नए कानून - भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 एवं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 - 1 जुलाई 2024 से लागू हो जायेंगे. 

सुधांश पंत ने बताया कि तीन नये कानून 150 साल पुरानी दण्ड आधारित न्याय प्रणाली को न्याय आधारित बनाएगा. पुराने कानूनों के स्थान पर लाये जा रहे नये कानून हमारे संविधान की तीन मूल भावनाओं - व्यक्ति की स्वतंत्रता, मानवाधिकार और सभी के साथ समान व्यवहार के सिद्धांत के आधार पर बनाये गये हैं.

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मुख्य सचिव ने लोगों को जागरुक करने का दिया निर्देश

मुख्य सचिव सुधांश पंत ने बताया कि नए कानूनों में महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ अपराध, मानव शरीर को प्रभावित करने जैसे मामलो को प्राथमिकता दी गयी है. नए कानूनों में पुलिस एवं नागरिकों के अधिकारों के बीच अच्छा संतुलन कायम किया गया है एवं IT के उपयोग से कई प्रणालियों को सरलीकृत किया गया है. 

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बैठक में मुख्य सचिव ने सम्बंधित विभागों को निर्देश दिए कि तीन नए कानून के बारे में आमजन को जागरूक करें, खासकर महिला एवं बच्चों को नये कानून के बारे में बताया जाये, स्कूल एवं कॉलेजों के माध्यम से बच्चों एवं महिलाओं से जुड़े अपराध की जानकारी  दी जाये.

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ग्राम पंचायत से नगर पालिका तक को निर्देश

सुधांश पंत ने गृह विभाग को निर्देश दिए कि वकीलों से समन्वय कर प्रत्येक ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, नगर निकाय, नगर पालिका को नए कानूनों से अवगत कराया जाए. सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग को निर्देश दिए कि मीडिया के माध्यम से नए कानूनों का प्रचार-प्रसार किया जाये एवं विभाग की वेबसाइट पर पॉपअप लगाए. स्कूल शिक्षा विभाग एवं उच्च शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि कॉलेज और स्कूलों में छात्रों एवं शिक्षको को जागरूक कर महिला एवं बाल अपराधों से अवगत कराये. महिला अधिकारिता विभाग को निर्देश दिए कि वह प्रत्येक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं साथिन को नए कानूनों को लेकर अवगत कराये जिससे वहां आने वाली महिलाएं अपने अधिकारों के बारे में जान सके.

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