सरिस्का से निकला 'आदमखोर बाघ' हरियाणा पहुंचा, फुटप्रिंट देख अफसरों ने लोगों से की ये अपील

बाघ एसटी 2303 सरिस्का से निकलकर हरियाणा सीमा में घुस गया है. वन विभाग ने लोगों से घरों में रहने की अपील की है.

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सरिस्का टाइगर रिजर्व से निकले एक बाघ ने कई लोगों पर हमला कर दिया है.
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Sariska Tiger Terror: राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व से निकले बाघ ने अलवर के साथ-साथ अब हरियाणा में भी दहशत का माहौल बना दिया है. सरिस्का से निकले बाघ एसटी 2303 ने अलवर में कई लोगों पर हमला कर दिया था. अब उसके हरियाणा सीमा में घुसने की खबर सामने आई है. सरिस्का की टीम और ट्राकुलाइज टीम लगातार उसका पीछा कर रही है. सरिस्का के रेंजर शंकर सिंह ने बताया कि आज सुबह 10:21 बजे बाघ के पगमार्क हरियाणा सीमा के झाबुआ गांव में साबी नदी के किनारे जंगल में मिले हैं.

बाघ के पगमार्क से पता चलता है कि बाघ अब हरियाणा सीमा में प्रवेश कर गया है. रेंजर ने बताया कि इस नर बाघ को रेस्क्यू करने के लिये वन विभाग की टीमें तैनात हैं.

हरियाणा रिजर्व फॉरेस्ट में जा पहुंचा बाघ एसटी 2303

रेंजर ने बताया कि बाघ एसटी 2303 15 अगस्त को सरिस्का के जंगल से निकल था. जंगल से निकलने के बाद बाघ पहले मुंडावर के दरबारपुर में गया वहां उसने कई लोगों को घायल किया. आज रात को बाघ हरियाणा के झाबुआ गांव में पहुंच गया है. वन विभाग की टीम बाघ की तलाश में लगी हुई है. बाघ की ट्रैकिंग की गई तो आज यह झाबुआ गांव में यह दिखाई दिया जिसके बाद से इसे खेतों में तलाश किया जा रहा है. रेंजर बताया कि बाघ पिछली बार यह अलग रूट से गया था, इस बार अलग रूट से गया है. बाघ को अभी जहां  देखा गया है वह हरियाणा का रिजर्व फॉरेस्ट एरिया है.

वन विभाग ने की लोगों से अपील 

- सुबह 7 बजे से पहले व शाम 5 बजे के बाद खेतों में न जाएं और किसी भी स्थिति में अकेले खेतों में विचरण न करें.
- बाघ के दिखाई देने पर अथवा किसी मवेशी के वन्यजीव द्वारा शिकार होने पर तत्काल वन विभाग की टीम को सूचित करें.
- बाघ दिखाई देने पर भीड़ एवं शोर ना करें, पत्थर, लकड़ी आदि मारकर वन्य जीव को परेशान न करें.
- आमजन किसी भी प्रकार की अफवाह पर भरोसा ना कर अवांछित गतिविधि से बचें एवं उक्त चेतावनी की पालना कर नर बाघ रेस्क्यू करने में वन विभाग का सहयोग करें
- पत्थर, लकड़ी आदि मारकर वन्य जीव को परेशान न करें.

कंफर्टेबल होने पर किया जाएगा ट्रांकुलाइज

जयपुर से आए डॉक्टर अरविंद माथुर ने बताया कि ट्रैकिंग की जा रही है. बाघ एसटी 2303 को ट्रांकुलाइज तभी किया जा सकता है,  तब वह पूरी तरीके से खुद कंफर्टेबल महसूस करें. बाघ को ट्रांकुलाइज करने में परेशानी इसे लिए आ रही है, क्योंकि यह रात में चल रहा है और दिन में फसलों के बीच में छुप जाता है. साथ ही इसकी रफ्तार भी बहुत तेज है. अभी यह  कंफर्टेबल स्थिति में नहीं है. एनटीसीए की गाइडलाइन है कि कंफर्टेबल स्थिति में आने के बाद ही इसको ट्रेंकुलाइज किया जाए. लगातार टीम में इसका पीछा कर रही हैं जैसे ही यह कंफर्टेबल स्थिति में होगा इसको ट्रेंकुलाइज कर लिया जाएगा.     

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