'कांग्रेस ने अरावली में नए खनन की नहीं दी थी मंज़ूरी' जूली बोले- गुमराह कर रही है भाजपा सरकार 

जूली ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कोई प्रस्ताव तैयार नहीं किया था. कांग्रेस सरकार ने केवल अपने प्रस्ताव में अरावली क्षेत्र में चल रही जो खान थी, उनको चलाने की बात कही थी. लेकिन, भाजपा सरकार ने जो योजना तैयार की है. उसके तहत अरावली में नए खनन को मंजूरी दी जाएगी.

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नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली

Aravalli: अरावली को लेकर पूरे देश में सोशल मीडिया पर एक मुहिम छिड़ गई है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कांग्रेस के तमाम नेताओं ने सोशल मीडिया पर से अरावली के फोटो वीडियो शेयर करते हुए केंद्र सरकार व राज्य सरकार पर हमला बोल रहे हैं, तो अब अरावली को लेकर लोग सड़कों पर भी उतरने लगे हैं. ऐसे में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने अलवर स्थित अपने कार्यालय पर एक प्रेस वार्ता करते हुए केंद्र सरकार राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए.

उन्होंने कहा कि सरकार अपनी चहेते लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए अरावली को बर्बाद करने में लगी है. अरावली चार राज्यों के लिए लाइफ लाइन है. गुजरात राजस्थान दिल्ली हरियाणा राज्य से अरावली पर्वतमाला गुजरती है. अरावली रेगिस्तान को रोकने का काम करती है व अरावली जमीन को पानी देने का भी काम करती है.

कांग्रेस सरकार ने कोई प्रस्ताव तैयार नहीं किया था

जूली ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कोई प्रस्ताव तैयार नहीं किया था. कांग्रेस सरकार ने केवल अपने प्रस्ताव में अरावली क्षेत्र में चल रही जो खान थी, उनको चलाने की बात कही थी. लेकिन, भाजपा सरकार ने जो योजना तैयार की है. उसके तहत अरावली में नए खनन को मंजूरी दी जाएगी. जो अरावली को समाप्त करेंगे. नया प्रस्ताव सरकार द्वारा बनाया गया है और वो अभी सरकार की कमेटी ने तैयार किया है. उन्होंने कहा कि अरावली को बचाने का अभियान अब जल्द ही सड़कों पर शुरू होगा. कांग्रेस सड़क से संसद तक विरोध प्रदर्शन करेगी.

सरकार और सरकार के मंत्री लोगों को गुमराह कर रहे हैं

अरावली से लाखों लोगों का जीवन मिलता है. अरावली के क्षेत्र में हजारों वन्य जीव रहते हैं. सरिस्का, रणथंभौर, मुकुंदरा सहित कई टाइगर रिजर्व वन क्षेत्र अरावली में बसे हुए है. लेकिन सरकार उन सभी को समाप्त करने में लगी है. टीकाराम जूली ने कहा कि सरकार और सरकार के मंत्री लोगों को गुमराह कर रहे हैं. राजस्थान की गहलोत सरकार ने जो प्रस्ताव तैयार किया था. उसको सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था.

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