विज्ञापन

अरावली विवाद: 2010 में खारिज ‘100 मीटर’ फार्मूला, 2024 में क्यों सही ठहराया गया? अशोक गहलोत का सवाल

अशोक गहलोत ने सवाल किया कि जो परिभाषा सुप्रीम कोर्ट ने 2010 में खारिज कर दी थी, उसी को 2024 में भाजपा सरकार ने समर्थन क्यों दिया? क्या इसके पीछे कोई दबाव या बड़ा खेल है? 

अरावली विवाद: 2010 में खारिज ‘100 मीटर’ फार्मूला, 2024 में क्यों सही ठहराया गया? अशोक गहलोत का सवाल
अरावली पर अशोक गहलोत का सवाल

Aravalli Dispute: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अरावली मुद्दे पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और पूर्व नेता प्रतिपक्ष व भाजपा राजेन्द्र राठौड़ को निशाने पर लिया. अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार राजस्थान के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है और अरावली को खनन माफियाओं के हवाले करना चाहती है. गहलोत ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा अवैध खनन माफिया पर सख्त कार्रवाई की.

'2019 में अवैध खनन पर 930 FIR'

पूर्व सीएम गहलोत ने आंकड़े पेश करते हुए बताया कि कांग्रेस सरकार ने शुरुआती वर्ष 2019 में अवैध खनन पर 930 FIR दर्ज कीं, जबकि भाजपा सरकार ने 2024 में केवल 508 FIR दर्ज कीं. कांग्रेस सरकार ने 5 साल में अवैध खनन पर सख्ती कर 464 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला, जबकि भाजपा के पांच साल में साल 2013 से 18 तक केवल 200 करोड़ रुपये तक ही सीमित रही.

अशोक गहलोत गहलोत ने कहा कि 2003 में विशेषज्ञ समिति ने आजीविका के दृष्टिकोण से ‘100 मीटर' की परिभाषा की सिफारिश की थी. राज्य सरकार ने इसे 16 फरवरी 2010 को सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट के जरिए रखा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने तीन दिन बाद ही इसे खारिज कर दिया. कांग्रेस सरकार ने न्यायपालिका के आदेश का सम्मान करते हुए फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया से मैपिंग करवाई और रिमोट सेंसिंग तकनीक से अवैध खनन पर निगरानी शुरू की. 

'कांग्रेस की जीरो टॉलरेंस की रही नीति'

अशोक गहलोत ने सवाल किया कि जो परिभाषा सुप्रीम कोर्ट ने 2010 में खारिज कर दी थी, उसी को 2024 में भाजपा सरकार ने समर्थन क्यों दिया? क्या इसके पीछे कोई दबाव या बड़ा खेल है? गहलोत ने कहा कि कांग्रेस सरकार की नीति अवैध खनन के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस' की रही. पिछले 5 वर्षों में कांग्रेस सरकार ने 4,206 FIR दर्ज कीं, जिनमें पहले तीन वर्षों में ही बड़ी कार्रवाई हुई (2019-20 में 930, 2020-21 में 760, 2021-22 में 1,305 FIR). इसके मुकाबले मौजूदा भाजपा सरकार ने पहले साल में केवल 508 FIR दर्ज कीं. 

राजेंद्र राठौड़ ने क्या कहा था?

बता दें कि पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि अरावली को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा फैलाया जा रहा यह दावा कि “90 प्रतिशत अरावली समाप्त हो जाएगी”, पूरी तरह असत्य और भ्रामक है. वास्तविक स्थिति यह है कि अरावली क्षेत्र का लगभग 25 प्रतिशत हिस्सा हिरसा अभ्यारण्य, राष्ट्रीय उद्यान और आरक्षित वनों में आता है, जहां खनन पूरी तरह प्रतिबंधित है. इसके अलावा, पूरे अरावली क्षेत्र में से केवल लगभग 2.56 प्रतिशत क्षेत्र ही सीमित, नियंत्रित और कड़े नियमों के तहत खनन के दायरे में आता है.  

राजेंद्र राठौड़ ने कहा था कि 100 मीटर का मानदंड केवल ऊंचाई तक सीमित नहीं है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंजूर परिभाषा के अनुसार 100 मीटर या उससे ऊंची पहाड़ियों, उनकी ढलानों और दो पहाड़ियों के बीच 500 मीटर के क्षेत्र में आने वाली सभी भू-आकृतियाँ खनन पट्टे से पूरी तरह बाहर रखी गई हैं, चाहे उनकी ऊंचाई कुछ भी हो. यह व्यवस्था पहले से अधिक सख्त और वैज्ञानिक है. 

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close