टीकाराम जूली ने RTI के लिए लिखा पीएम मोदी को खुला पत्र, कहा- 150 सांसदों की चिंता... जवाबदेही के लिए खतरा

राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखा है. जिसमें बताया गया कि RTI को कमजोर किया जा रहा है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
टीकाराम जूली

RTI ACT: सूचना का अधिकार अधिनयम यानी RTI ACT को लेकर कहा जा रहा है कि इसके नियम के तहत सरकार से पूछे जा रहे सवालों के जवाब नहीं दिये जा रहे हैं. अधिकारी और कर्मचारी सूचना के अधिकार के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं. वहीं RTI ACT को कमजोर करने का जानकारी देते हुए राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने कहा है कि डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम (DPDPA) के माध्यम से सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI Act) को कमजोर किया जा रहा है, जो लोकतंत्र की पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए एक बड़ा खतरा है.

टीकाराम जूली ने कहा कि सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम 2005 कांग्रेस के कार्यकाल में लागू किया गया था. इस कानून के पीछे देश की पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की दूरदृष्टि, राजनीतिक इच्छाशक्ति और लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता थी, जिन्होंने इस ऐतिहासिक कानून को लागू किया.

Advertisement

RTI कोई साधारण कानून नहीं

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस RTI कानून ने देश में सुशासन, जवाबदेही और जनभागीदारी की भावना को मजबूती दी, आज उसी कानून की आत्मा को भाजपा सरकार कमजोर करने का प्रयास कर रही  है. RTI कोई साधारण कानून नहीं, बल्कि लोकतंत्र की रीढ़ है, यह नागरिकों को सत्ता की आंखों में आंखें डालकर सवाल जवाब पूछने का अधिकार देता है.

Advertisement

DPDPA की धारा 44(3) सूचना के अधिकार की मूल भावना को आघात पहुँचाती है और नागरिकों की महत्वपूर्ण जानकारी तक पहुंच को बाधित करती है. यह संशोधन न केवल पारदर्शिता को सीमित करेगा, बल्कि भ्रष्टाचार को पनपने का अवसर भी देगा.

Advertisement

150 सांसदों ने जाहिर की है चिंता

यह बेहद चिंताजनक है कि इस मुद्दे को लेकर देश के विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े लगभग 150 माननीय सांसदों ने भारत सरकार को पत्र लिखकर गहरी चिंता जाहिर की है. जूली ने कहा, मैं केंद्र सरकार से आग्रह करता हूं कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए DPDPA अधिनियम की धारा 44(3) को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए. इसके अतिरिक्त, अधिनियम के कुछ प्रावधान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के भी विरुद्ध प्रतीत होते हैं, जिनकी पुनः समीक्षा आवश्यक है.

सूचना का अधिकार कमजोर हुआ तो लोकतंत्र खोखला हो जाएगा और यह किसी भी लोकतांत्रिक राष्ट्र के लिए स्वीकार्य नहीं हो सकता.

क्या है RTI ACT

सूचना का अधिकार (RTI) एक ऐसा कानूनी प्रावधान है, जो भारत के लोंगे को सरकारी जानकारी तक पहुंचने का अधिकार देता है. यानी कोई भी भारतीय जनता किसी भी सार्वजनिक प्राधिकरण से जानकारी लेने के लिए अनुरोध कर सकता है, और RTI कानून के तहत उस प्राधिकरण को एक निश्चित समय सीमा के भीतर उस अनुरोध का जवाब देना होगा. यह अधिनियम पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है.

यह भी पढ़ेंः Rajasthan: घर में ड्रग्स फैक्ट्री... 50 करोड़ रुपये के केमिकल, महाराष्ट्र से जुड़े तार... अरबों रुपये मादक पदार्थ बनाने की थी तैयारी

Topics mentioned in this article