राजस्थान में टमाटर की फसल हो रही खराब, किसानों ने कहा- 'मुआवजा नहीं मिला तो आत्महत्या करना होगा'

सिलोर गांव में अज्ञात रोग की चपेट में आने से करीब 1200 बीघा जमीन में खड़ी टमाटर की फसल बर्बाद हो गई. फसल खराबे से क्षेत्र के सैकड़ों किसान मायूस हो गए.

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Rajasthan News: राजस्थान में किसान (Rajasthan Farmer) एक बार फिर परेशान हैं. जहां भजन लाल सरकार ने किसानों को प्राथमिकता देने की बात करते हैं. वहीं, बूंदी जिले के किसान इन दिनों टमाटर की फसल खराब होने की वजह से परेशान हैं. जिले के सिलोर गांव में अज्ञात रोग की चपेट में आने से करीब 1200 बीघा जमीन में खड़ी टमाटर की फसल बर्बाद हो गई. फसल खराबे से क्षेत्र के सैकड़ों किसान मायूस हो गए. किसानों ने फसल खराब का सरकार से सर्वे करवाकर मुआवजा देने की मांग की है. बुधवार को सिलोर के सैकड़ो किसानों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर अधिकारियों के समक्ष अपना दर्द बयां किया. इसके साथ ही सरकार से जल्द ख़राब फसल का सर्वे करवाकर मुआवजा देने की मांग की है.

वहीं किसान ये भी कह रहे हैं हम टमाटर की फसल पर जीवनयापन करते हैं. अगर मुआवजा नहीं मिला तो आत्महत्या के सिवा दूसरा कदम नहीं बचेगा.

सिलोर और आसपास के गांवों में बड़ी संख्या में किसान टमाटर की फसल कर जीवन यापन करते हैं, लेकिन इन दिनों फसल में अज्ञात रोग लगा है. इससे किसानों की फसल बर्बाद हो रही है. किसान अपने स्तर पर बीमारी को नियंत्रण करने के लिए दवाओं की स्प्रे तो कर रहे हैं. लेकिन अभी यह बीमारी फैलती जा रही है. खेतों में लगे हरे टमाटरों को भी बीमारी अपनी जद में ले रही है. किसान हेमराज कुशवाह ने बताया कि तीन बीघा में लगी टमाटर की फसल पूरी सूख गई. सिलोर में करीब पूजा 1200 बीघा में किसान टमाटर की एक खेती कर रहे हैं. लेकिन रोग लगने से में दूसरी फसलों के भी पैदावार प्रभावित हो रही है. 

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एक बीघा में 20 से 25 हजार का खर्च

किसानों के अनुसार एक बीघा फसल टमाटर की बुवाई करने में 20 से 25 हजार रुपए का खर्च आता है. इस वजह से गरीब किसानों ने जमीन को ज्वारे यानी किराए पर लेकर बुवाई की थी.  ऐसे में उन किसानों के लिए बड़ा नुकसान का सबब बना है जिन्होंने किराए पर लेकर पैदावार की. अब किसानों को किराया और नुकसान का खामियाजा भुगतना पड़ेगा. इसको लेकर किसान चिंतित है. क्षेत्र के किस धनराज सुमन ने बताया कि इस बार अचानक टमाटर की फसल में अज्ञात रोक लगने से करीब 1200 बीघा भूमि में खड़ी टमाटर की फसल खराब हो गई. फसल की उपज को लेकर किसने की गाड़े पसीने की कमाई लग चुकी है. अब फसल खराब होने से किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हो गया है. उन्होंने बताया कि अब अगर सरकार से कोई मदद नही मिली तो किसानों के सामने भूखे मरने के साथ आत्महत्या जैसे कदम उठाने के सिवाय कोई दूसरा रास्ता नही बचा है.

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कृषि विभाग कर रहा है अनदेखी 

प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि टमाटर की फसल में इस तरह का रोग क्षेत्र में पहली बार लगा है. किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारियों पर सुनवाई नहीं करने का आरोप लगाया. उनका कहना था कि फसल खराब है को लेकर पहले हम कृषि अधिकारियों के पास गए थे. लेकिन वहां मौजूद अधिकारियों ने हमारी एक नहीं सुनी. उसके बाद हमने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर उच्च अधिकारियों और सरकार तक अपनी बात पहुंचाना का प्रयास किया है. प्रदर्शन के दौरान किसानों के हाथों में खराब हुई टमाटर की फसल के पौधे थे जिसमें देखने से साफ नजर आ रहा था कि टमाटर की फसल अज्ञात रोग के कारण खराब हो चुकी है.

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जिले में 380 हेक्टेयर में बुवाई गई टमाटर की फसल

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक महेश शर्मा ने बताया कि हमेशा टमाटर की फसल पर अज्ञात रोग लगने का खतरा मंडराता रहता है. लेकिन इस बार कुछ इलाकों में रोग लगने की जानकारी मिली है. जिले में 380 हेक्टर में फसल की रोपाई की गई है. अकेले सिलोर इलाके में 100 हेक्टेयर में टमाटर की बुवाई की गई है. लेकिन सिलोर इलाके में अज्ञात रोग लगने के चलते टमाटर की फसलों में अधिक नुकसान होने की जानकारी मिली है पूरे मामले की जानकारी जयपुर हेड ऑफिस को भिजवा गई है जल्द ही इस इलाके का सर्वे करवाया जाएगा.

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