Rajasthan News: 'टोंक जिले के समरावता गांव में हुई हिंसा एक रहस्य है. ये जांच का विषय है कि बाहर के लोगों को बुलाकर किसने उपद्रव करवाया और क्यों करवाया? प्रदेश की शांति को भंग करने का यह प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा'. यह बयान राजस्थान के गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम (Jawahar Singh Bedam) ने शनिवार सुबह जयपुर में मीडियो से बातचीत करते हुए दिया.
'किसी निर्दोष को नहीं होगी परेशानी'
बीजेपी मंत्री ने बताया कि, 'इस पूरी घटना को लेकर समरावता और उसके आसपास के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल कल मुझसे मिला था. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इसमें ग्रामीणों की कोई संलिप्तता नहीं है. जांच में इसकी पुष्टि भी हो गई है. पुलिस ने जिन लोगों को हिरासत में लिया है, उनमें से 40-45 लोग बाहर के रहने वाले हैं. इस मामले की जांच पुलिस गहनता से कर रही है. जो भी इसमें शामिल हैं, उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. यह भी सुनिश्चित किया गया है कि निर्दोष लोगों को कोई परेशानी न हो.'
48 घंटे पहले गिरफ्तार हुए थे नरेश मीणा
देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव के दौरान ड्यूटी पर तैनात SDM अमित चौधरी को थप्पड़ मारने वाले निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा को पुलिस ने 48 घंटे पहले गिरफ्तार किया था. शुक्रवार शाम उन्हें टोंक जिले की अदालत में ऑनलाइन पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. इस दौरान नरेश मीणा के वकील ने आरोप लगाया कि पुलिस कानून का उल्लंघन कर रही है. नरेश मीणा को गुमनाम जगह पर रखा गया और किसी को उनसे मिलने नहीं दिया गया. उनके साथ मारपीट भी की गई.
नरेश मीणा पर दर्ज हुए 4 मामले
पुलिस के अनुसार, मीणा के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने सहित चार मामले दर्ज किए गए हैं. हिंसा के सिलसिले में मीणा के अलावा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए 52 लोगों को अदालत में पेश किया गया. पुलिस ने टोंक और आसपास के इलाकों में बड़ी संख्या में जवानों को तैनात कर सुरक्षा का कड़ा कर दिया है.
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