Violence in Samravata village of Tonk: देवली-उनियारा में 13 नवंबर की रात हुई हिंसा से कई परिवार प्रभावित हुए. टोंक प्रशासन का कहना है कि निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा के साथ धरने पर बैठे उनके समर्थक बाहर से आए थे. वहीं, स्थानीय ग्रामीणों में पुलिस की कार्रवाई से आक्रोश नजर आ रहा है. कलेक्टर सौम्या झा (Saumya Jha) से बातचीत करते हुए उसका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह दर्द बयां कर रहे हैं. वीडियो में समरावता गांव की महिला टोंक कलेक्टर को 13 नवंबर की रात का घटनाक्रम बताती नजर आ रही है. महिला ने पुलिस पर घर के गेट तोड़ने और वहां मौजूद सामान को नुकसान पहुंचाने का भी आरोप लगाया.
कलेक्टर के सामने हाथ जोड़ी खड़ी नजर आई महिला
जब कलेक्टर ग्रामीणों से बात कर रही थी, तब महिला हाथ जोड़े खड़ी थी. नम आंखों के साथ महिला ने कहा, "हमने तो पूरे दिन पुलिस वालों की सेवा की, चाय-पानी-रोटी सब खिलाई लेकिन हमें क्या मिला. कमरों के गेट तोड़ दिए, बक्से-अलमारी तक के ताले तोड़ दिए. छोटे बच्चे-महिलाएं किसी को नहीं छोड़ा."
ग्रामीणों की बात सुनने के बात कलेक्टर ने दिया आश्वासन
वहां मौजूद कलेक्टर सौम्या झा काफी देर तक ग्रामीणों की बात सुनती रही. उसके बाद उन्होंने प्रशासन के सहयोग का भी आश्वासन दिया. सौम्या झा ने कहा कि बाहर के लोगों ने काम बिगाड़ा है, अभी आप लोग चिंता मत करिए. बता दें कि इस मामले में डीएम पहले भी कह चुकी हैं कि नरेश मीणा के साथ बैठे समर्थक ज्यादातर बाहर के थे. यह एक तरह से यह ट्रैप था. उनकी प्लानिंग थी कि प्रशासन की तरफ से कोई रिएक्शन मिले और फिर वे बूथ पर हमला करें.
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