Dr. kirori Lal Meena's statement on Naresh meena: टोंक जिले के समरावता गांव में भड़की हिंसा और उसके बाद नरेश मीणा की गिरफ्तारी को लेकर बवाल मचा हुआ है. नरेश मीणा के समर्थक और प्रशासन के आमने-सामने होने के बाद बीजेपी नेता डॉ. किरोड़ीलाल मीणा (Kirori Lal Meena) भी गांव पहुंचे. वह मीडिया से बातचीत के दौरान नरेश मीणा के थप्पड़कांड से नाराज नजर आए. साथ ही हिंसा के मामले में ग्रामीणों को निर्दोष बताया. उन्होंने कहा कि ग्रामीण 100% निर्दोष हैं, उनके साथ गलत हुआ है. जो व्यक्ति खुद गाड़ी लेकर आएगा, वह खुद तो अपने गाड़ी को आग लगाएगा नहीं, इसकी जांच होनी चाहिए. पुलिस की गाड़ी किसने जलाई, यह भी जांच का विषय है. खुद को 'छोटा किरोड़ी' कहने वाले नरेश मीणा के सवाल पर बीजेपी नेता ने जवाब दिया कि मैंने तो दूसरों के लिए लड़ाई लड़ी है, मैंने खुद के लिए नहीं कभी लड़ाई लड़ी. मैंने जनता का दुरुपयोग नहीं किया.
मैंने जनआंदोलन के लिए लड़ी लड़ाई- किरोड़ीलाल मीणा
बीजेपी नेता ने कहा कि मैं जन आंदोलन के लिए लड़ा हूं, एड़ी से चोटी तक चोटें भी इतनी आईं है कि तन पर कोई जगह नहीं बची. मैं परमार्थ के लिए लड़ा हूं. जब उनसे पूछा गया कि क्या किसी एक व्यक्ति (नरेश मीणा) ने अपने स्वार्थ के लिए ये सब किया तो उन्होंने कहा कि ये तो गांव वाले बता सकते हैं. मैं क्या ही कहूंगा.
नरेश मीणा के साथ बैठे समर्थक ज्यादातर बाहर के थे- कलेक्टर
इस मामले पर टोंक डीएम सौम्या झा का कहना था, 'जब SDM को थप्पड़ मारा गया, उस वक्त पोल प्रक्रिया जारी थी और नरेश मीणा निर्दलीय उम्मीदवार थे. मतदान पूरा होने तक किसी भी कैंडिडेट को अरेस्ट करने से पुलिस-प्रशासन बचता है, क्योंकि उस दिन प्रचार-प्रसार करने का उनका पूरा हक होता है. हम नरेश मीणा से उनका वो हक नहीं छिनना चाहते थे. हमें यह भी जानकारी मिली थी कि नरेश मीणा के साथ जो समर्थक बैठे हैं, उनमें से ज्यादातर बाहर के हैं.'
कलेक्टर ने कहा था कि एक तरह से यह ट्रैप था. उनकी प्लानिंग थी कि प्रशासन की तरफ से कोई रिएक्शन मिले और फिर वे बूथ पर हमला करें. लेकिन हमने संयम रखकर उस ट्रैप में खुद को गिरने नहीं दिया. हमने फैसला किया कि मतदान पूरा होने तक सब कुछ ऐसे ही चलने देंगे और जैसे ही पोलिंग पार्टी वहां से रवाना हो जाएगी, तब हम थप्पड़ कांड पर आगे की कार्रवाई करेंगे.